Maha Kumbh 2025: महाकुंभ का सबसे छोटा नागा संन्यासी गोपाल गिरी, खिलौना नहीं जप तप की माला है उसका खेल

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में नागा संन्यासियों के साथ धूनी रमाए अपनी ही दुनिया में मस्त है बाल नागा संन्यासी गोपाल गिरी। वह अखाड़ा क्षेत्र में आने जाने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

Report :  Dinesh Singh
Update:2024-12-29 21:05 IST

महाकुंभ का सबसे छोटा नागा संन्यासी गोपाल गिरी, खिलौना नहीं जप तप की माला है उसका खेल (Newstrack)

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण है यहां आने वाले हिंदू सनातन धर्म के 13 अखाड़े। इन अखाड़ों में भी सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है अखाड़ों के नागा संन्यासियों के शिविर में । प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर में बसे अखाड़ों में बाल नागा संन्यासी गोपाल गिरी ने सबका दिल जीत लिया है।

खिलौने से नहीं जपतप की माला से खेलता है बाल नागा साधु गोपाल गिरी

जिस उम्र में बच्चे हाथों में खिलौने या मोबाइल होता है उस उम्र में बाल नागा गोपाल गिरी जप तप की माला और भगवान की भक्ति में मस्त रहता है। प्रयागराज महाकुंभ में नागा संन्यासियों के साथ धूनी रमाए अपनी ही दुनिया में मस्त है बाल नागा संन्यासी गोपाल गिरी। वह अखाड़ा क्षेत्र में आने जाने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पूरे शरीर में चिता की भभूत लगाए अपने गुरु की सेवा में मस्त रहता है बाल नागा साधु गोपाल गिरी। गोपाल गिरी बताता है कि सुबह अपने गुरु के लिए पूजा पाठ का इंतजाम करने ने साथ वह भी धूनी के सामने साधना में लग जाता है। गोपाल गिरी कहता है कि अब यही साधना और भगवत प्राप्ति ही उसके खेल की दुनिया है । अब जो गुरु महराज कहेंगे वही शिक्षा है।

दक्षिणा में गोपाल को दे गए थे इसके माता पिता

बाल नागा हिमाचल प्रदेश के चंबा का रहने वाला है। उसके गुरु भाई बताते है कि गोपाल को तीन साल की उम्र में इसके माता पिता गोपाल के गुरु को दक्षिणा के तौर पर सौंप गए थे। तब से गोपाल गिरी अपने गुरु की छत्र छाया में जप तप साधना के साथ अस्त्र शस्त्र की विद्या हासिल कर रहा है। गोपाल गिरी की उम्र क्या है इस सवाल पर गोपाल चुप हो जाता है, वह अपनी उम्र सबको बताने में संकोच करते हैं। तन में सिर्फ अभिमंत्रित भभूत लगाए गोपाल गिरी धूनी के सामने बैठे साधना कर रहे हैं। अपने गुरु सोमवारा गिरी की पूजा अर्चना में ही उसका दिन बीतता है। न गोपाल को खेल से वास्ता है और न मोबाइल से लगाव अब भगवत साधना ही उसका लक्ष्य है।

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