Mahakumbh 2025: ये है डिजिटल महाकुंभ: हजारों सीसीटीवी, एआई निगरानी, अंडरवाटर ड्रोन

Mahakumbh 2025 Digital Security: इस बार कुम्भ मेला में निगरानी अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दी गई है। करीब 40 करोड़ तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए एआई से लैस 2,750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यह कुंभ देश में अब तक का सबसे बड़ा फेस रिकॉग्निशन ऑपेरशन होगा।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-11 20:17 IST

Mahakumbh 2025 Digital Security (Image Credit-Social Media)

Mahakumbh 2025 Digital Security: लखनऊ। महाकुंभ 2025 में डिजिटल टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल नजर आएगा। प्रदेश सरकार ने अपनी 'डिजी कुंभ पहल' के साथ एक बड़ा तकनीकी कदम उठाया है। प्रयागराज के विशाल मेला मैदान में मजबूत डिजिटल इंफ्रस्ट्रक्चर, एआई ऑपरेटेड निगरानी सिस्टम, ​​जैसे तमाम हाईटेक उपकरणों का नेटवर्क बनाया गया है। इतने बड़े पैमाने पर ऐसे इंतजाम पहली बार किये गए हैं।

इस बार कुम्भ मेला में निगरानी अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दी गई है। करीब 40 करोड़ तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए एआई से लैस 2,750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यह कुंभ देश में अब तक का सबसे बड़ा फेस रिकॉग्निशन ऑपेरशन होगा।

अधिकारियों का कहना है कि 108 कैमरे नंबर प्लेट पहचानने के लिए समर्पित हैं, जबकि 268 एआई संचालित वीडियो एनालिटिक कैमरे भीड़ की आवाजाही पर नज़र रखेंगे। इसके अतिरिक्त, 240 एआई आधारित वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम वाहनों की गिनती करेंगे, जिससे ट्रैफ़िक फ्लो और पार्किंग मैनेजमेंट होगा।

  1. यह पहली बार है जब कुंभ में एक साइबर टीम तैनात की गई है। 14 सदस्यीय टीम को निगरानी और साइबर अपराध को सुलझाने का काम सौंपा गया है।
  2. पहली बार यूपी पुलिस ने नदी पर गश्त करने के लिए एडवांस्ड इमेजिंग क्षमताओं से लैस अंडरवाटर ड्रोन तैनात किए हैं। रिमोट कंट्रोल ड्रोन चौबीस घण्टे जलीय निगरानी प्रदान कर रहे हैं और कमांड सेंटर को रियल टाइम का डेटा भेजते हैं।
  3. एआई निगरानी सिस्टम के अलावा, सरकार ने अपना खुद का एआई-संचालित चैट-बॉट भी लॉन्च किया है, जो 11 से अधिक भाषाओं का सपोर्ट करता है और नेविगेशन में मदद करने के लिए गूगल मैप्स के साथ इंटेग्रेटेड है।
  4. कुम्भ में 37,000 से ज़्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, जिनमें 1,378 महिला अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें विशेष साइबर विशेषज्ञों और खुफिया दस्तों का सपोर्ट प्राप्त है।
  5. आग लगने की स्थिति में आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावरों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। थर्मल इमेजिंग से लैस ये टावर 35 मीटर तक की ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं।
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