Prayagraj AIIMS: बढ़ गई प्रयागराज को एम्स मिलने की संभावना, जानिये क्या है वजह

Prayagraj AIIMS: केंद्र सरकार ने पहले भी कहा था कि वह देश के विभिन्न हिस्सों में खोले गए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मानक को बनाए रखना चाहती है और सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों को इसमें शामिल करने का प्रयास करेगी और इन संस्थानों में संकाय बढ़ने में कुछ समय लगेगा।

Update:2024-09-28 18:14 IST

Prayagraj AIIMS

Prayagraj AIIMS: प्रयागराज में एम्स के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रुख से प्रयागराज में उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए चल रहे आंदोलन को गति मिली है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से उसके अधिवक्ता ने कहा था कि केंद्र सरकार ने सूबे में किसी नये एम्स की मंजूरी नहीं दी है। जबकि एक बड़ा आबादी की स्वास्थ्य सेवाएं पूर्वांचल जैसे बड़े क्षेत्र में सिर्फ एक एम्स पर निर्भर हैं और प्रयागराज में एम्स खोले जाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के प्रति गंभीर हैं और निरन्तर प्रयत्नशील हैं। पिछले दिनों केंद्र सरकार के मंत्री ने भी कहा था कि सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में खोले गए एम्स के मानक को बनाए रखना चाहती है। केंद्र सरकार ने पहले भी कहा था कि वह देश के विभिन्न हिस्सों में खोले गए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मानक को बनाए रखना चाहती है और सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों को इसमें शामिल करने का प्रयास करेगी और इन संस्थानों में संकाय बढ़ने में कुछ समय लगेगा। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तृतीयक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के साथ देश के हर क्षेत्र में 17 से अधिक एम्स खोलने का प्रयास किया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रति हमारा दृष्टिकोण है कि देश के कोने-कोने से लोगों को इलाज के लिए दिल्ली न आना पड़े। जिस तरह दिल्ली में एम्स की सेवा दी जाती है, उसी ब्रांड नाम से एम्स को सेवा देनी चाहिए।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत उत्तर प्रदेश में दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए गए हैं, एक रायबरेली में और दूसरा गोरखपुर में, और दोनों ही काम कर रहे हैं। अब तक 22 एम्स को मंजूरी दी गई है जिसमें प्रयागराज शामिल नहीं है। गोरखपुर और प्रयागराज पूर्वांचल के दो सिरे हैं। इतने बड़े क्षेत्र में अभी एक ही एम्स है जिसे अपर्याप्त माना जा रहा है।

इसी तरह उत्तर प्रदेश में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) के निर्माण के माध्यम से 11 सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन किया गया है। इनमें (1) एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ (2) आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी में ट्रॉमा सेंटर (3) जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ (4) राजकीय मेडिकल कॉलेज, झांसी (5) बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर (6) एमएलएन मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद (7) एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ (8) राजकीय मेडिकल कॉलेज, आगरा (9) राजकीय मेडिकल कॉलेज, कानपुर (10) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस), बीएचयू, वाराणसी में एसएसबी (11) आरआईओ, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी शामिल है।

खैर हाईकोर्ट में प्रयागराज एम्स मामले पर अक्टूबर में सुनवाई होनी है और हाईकोर्ट के सख्त रुख से ऐसा लग रहा है कि पूर्वांचल के इस उपेक्षित हिस्से के साथ भी न्याय हो जाएगा। जो कि काफी समय से इसकी आस लगाए है।

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