Prayagraj Kumbh 2025 News: कुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई नागा संन्यासियों के सिरमौर वाले श्री पंच दशनाम अखाड़े की धर्मध्वजा

Prayagraj News: कुंभ क्षेत्र के अखाड़ा क्षेत्र में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की धर्म ध्वजा पूरे विधि विधान के साथ स्थापित की गई।

Report :  Dinesh Singh
Update:2024-11-23 20:56 IST

Prayagraj Kumbh 2025 News

Prayagraj Kumbh 2025 News: संगम नगरी प्रयागराज में 2025 में लगने जा रहे महाकुंभ के लिए कुंभ क्षेत्र ने संतों का जमावड़ा शुरू हो गया है। अखाड़ा क्षेत्र ने अखाड़ों की सरगर्मियां बढ़ रही है। अखाड़ों के शिविर बसाने से पहले अखाड़ों की धार्मिक परमपराएं पूरी की जा रही है। जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापना इसी का हिस्सा है।

कुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा

प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर हिंदू सनातन आस्था की आध्यात्मिक दुनिया बसने लगी है। महाकुंभ की तैयारियों में आई तेजी के साथ महाकुंभ के आकर्षण अखाड़ा के साधु संतों की मौजूदगी से कुंभ क्षेत्र गुलज़ार होने लगा है। इसी क्रम में कुंभ क्षेत्र के अखाड़ा सेक्टर में सबसे बड़े संन्यासी अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा की स्थापना की गई। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरी की अगुवाई में इसकी स्थापना हुई ।

कुंभ क्षेत्र के अखाड़ा क्षेत्र में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की धर्म ध्वजा पूरे विधि विधान के साथ स्थापित की गई। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरी का कहना है कि तय मुहूर्त पर जूना अखाड़े के इष्ट देवता भगवान श्री दत्तात्रेय जी सहित सभी देवी देवताओं का आवाहन और पूजन करने के बाद धर्म ध्वजा को अभिमंत्रित किया गया । इसके उपरांत लकड़ी की तनी पर धर्म ध्वजा को लगाकर उसे स्थापित कर दिया गया।


52 फीट लंबे में लहराई धर्म ध्वजा

धर्म ध्वजा हर अखाड़े का वह पूज्य प्रतीक है जिसके नीचे कुंभ क्षेत्र में अखाड़े की धार्मिक परमपराएं और अनुष्ठान संपन्न होते हैं। इस धर्म ध्वजा की लंबाई 52 फीट होती है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरी का कहना है कि 52 शक्ति पीठ होती हैं इसीलिए धर्म ध्वजा के दण्ड की लंबाई भी 52 फीट होती है। हर फीट में सूत की रस्सी से गांठ लगाई जाती है जो शक्ति का प्रतीक है। इसे अभिमंत्रित करने के बाद स्थापित किया जाता है। सबसे पहले अखाड़े के इष्ट देवता का आवाहन किया जाता है फिर सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना होती है। जिस गड्ढे ने दंड गाड़ना है उसे भी अभिमंत्रित करते हैं।


क्रेन की मदद से स्थापित हुई धर्म ध्वजा

धर्म ध्वजा की लंबाई इतनी होनी चाहिए कि कुंभ क्षेत्र के हर कोने से वह दिखाई पड़े । इसीलिए इसकी लंबाई अधिक से अधिक रखी जाती है। एक ही लकड़ी से दंड बनता है। इसके लिए सबसे लंबे और पुराने वृक्ष की लकड़ी मंगाई जाती है। इस दंड का वजन 325 क्विंटल था। इसे स्थापित करना साधुओं के वश की बात नहीं थी । लिहाजा इसे स्थापित करने के लिए क्रेन लगानी पड़ी। यूकेलिप्टस की 52 फीट लंबे पेड़ के तने से इसे निकाला गया।

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