Prayagraj News: सन्यासी अखाड़ों का कुंभ क्षेत्र में भूमि पूजन, अखाड़े के शिविर स्थापना के लिए देवी देवताओं का आवाहन
prayagraj News : कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों की गतिविधियां रफ्तार पकड़ने लगी हैं। सभी 13 अखाड़ों के कुंभ क्षेत्र में भूमि आबंटन के बाद अब अखाड़ों ने अपनी बसावट को अंजाम देने के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम किया।
prayagraj News: प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे दिव्य और भव्य महाकुंभ की बुनियाद रखनी शुरू हो गई है। महाकुंभ की आभा के केंद्र 13 सनातनी अखाड़ों को क्षेत्र में भूमि आबंटन के बाद अब अखाड़ों ने अपने शिविर स्थापना की पूर्व प्रक्रिया में भूमि पूजन की परम्परा को पूरा किया । इस अवसर पर सभी संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के अलावा कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।।
पांच सन्यासी अखाड़ों का कुंभ क्षेत्र में भूमि पूजन
कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों की गतिविधियां रफ्तार पकड़ने लगी हैं। सभी 13 अखाड़ों के कुंभ क्षेत्र में भूमि आबंटन के बाद अब अखाड़ों ने अपनी बसावट को अंजाम देने के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम किया। पांच सन्यासी अखाड़ों के लिए आबंटित की गई भूमि में सैकड़ों साधु संतो और कुंभ प्रशासन की अगुवाई में कुंभ की इस परम्परा को पूरा किया गया। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि कुंभ क्षेत्र में सन्यासी अखाड़ों के संतों ने अपने शिविर स्थापित करने के पूर्व धरती मां का पूजन किया है। सभी 33 कोटि देवी देवताओं को आमंत्रित कर उनका आवाहन किया गया है ताकि महाकुंभ को सकुशल संपन्न कराने में इनकी कृपा बनी रहे।
मिला धर्म ध्वजा की परम्परा का रास्ता
कुंभ क्षेत्र में शिविर स्थापना से पूर्व संन्यासी अखाड़ों ने भूमि पूजन की परम्परा पूरी की । श्री पंच दशनाम अग्नि अखाड़े के राष्ट्रीय महा मंत्री सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि आज जिन अखाड़ों ने यहां आज भूमि पूजन किया उसमें निरंजनी अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, आनंद अखाड़ा और जूना अखाड़ा शामिल है। भूमि पूजन के बाद अब 23 दिसंबर को धर्मध्वजा स्थापना होगी। श्री पंच दशनाम आनंद अखाड़े के अध्यक्ष शंकरानन्द सरस्वती का कहना कि महाकुंभ में अखाड़ों के शिविर स्थापना के पूर्व सनातन धर्म के सभी देवी देवताओं को आमंत्रित कर नारियल तोड़कर देवलोक के सभी देवताओं से यहां आकर अपना आशीष प्रदान करने की प्रार्थना की गई। अखाड़ों के शिविरों के बसावट का इससे रास्ता खुल गया है। भूमि पूजन के उपरांत अब अखाड़े इसी आवंटित क्षेत्र में घेरा बनाकर सबसे पहले अपनी धर्म ध्वजा स्थापित करेंगे और फिर यहां उनके शिवरों का निर्माण शुरू हो जाएगा।