Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ में गूंजेगी कवियों की अमर वाणी, सुन सकेंगे पंत, महादेवी, बच्चन की आवाज
Prayagraj Mahakumbh 2025: इलाहाबाद संग्रहालय की साहित्यिक वीथिका में सुमित्रा नंदन पंत, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन की आवाज गूंजेगी। यहां आने वाले श्रद्धालु रामधारी सिंह दिनकर, फ़िराक़ गोरखपुरी और अज्ञेय की रचनाएं भी सुन सकेंगे।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में हवाओं की लहरों पर कवियों की अमर वाणी तैरेगी। इलाहाबाद संग्रहालय की साहित्यिक वीथिका में सुमित्रा नंदन पंत, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन की आवाज गूंजेगी। यहां आने वाले श्रद्धालु रामधारी सिंह दिनकर, फ़िराक़ गोरखपुरी और अज्ञेय की रचनाएं भी सुन सकेंगे। महाकुंभ से पहले देश की पहली हिन्दी साहित्यकारों की गैलरी को अपडेट किया जा रहा है। इस संबंध में फिल्म डिविजन, दूरदर्शन और आकाशवाणी से इलाहाबाद संग्रहालय की बात चल रही है और प्रमुख कवियों एवं लेखकों की सूची मांगी गई है।
इस बार महाकुंभ बीते सभी आयोजनों से ज्यादा भव्य और दिव्य होने जा रहा है। इसी क्रम में इस बार एक ऐसी पहल की जा रही है, जिसकी शायद किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। यहां इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज, भारत के नामचीन हिन्दी साहित्यकारों की एक ऐसी गैलरी का नवीनीकरण करने जा रहा है, जो देश ही नहीं दुनिया की पहली हिन्दी साहित्यकारों की गैलरी है। यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक पहली बार सुमित्रानंदन पंत, मैथिलीशरण गुप्त से लेकर महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर और अज्ञेय जैसे महान लेखकों और कवियों को उनकी ओरिजिनल आवाज में सुन और देख सकेंगे। संग्रहालय की ओर से इसकी व्यापक तैयारी की गई है।
पर्यटकों का ध्यान खींचेगी गैलरी
हिन्दी के दिग्गज कवियों और लेखकों की यह गैलरी देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनने जा रही है। इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज ने इसके लिए बाकायदा तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्र कहते हैं कि सरकार के संकल्प को अमली जामा पहनाने और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन को नव्य, भव्य और अविस्मरणीय बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।
महाकुंभ से पहले ही देश के दिग्गज साहित्यकारों की गैलरी बनाने का काम इलाहाबाद संग्रहालय प्रयागराज में चल रहा है। जिसमें पंत, गुप्त से लेकर महादेवी, दिनकर और अज्ञेय तक को लोग देख भी सकेंगे। साथ ही साथ उनकी आवाज में कविताएं भी सुन सकेंगे। सबसे खास बात तो ये है कि ये इन महान साहित्यकारों की ओरिजनल आवाज रहेगी। इसमें कवियों के ऐसे वीडियो भी जनता को देखने को मिलेंगे, जो इन्होंने अपने जीवनकाल में गाए और सुनाए होंगे।
मेला क्षेत्र में भी मिल सकता है अवसर
डॉ. राजेश मिश्र के अनुसार इन सभी बड़े साहित्यकारों को कविता पाठ करते देखना और सुनना अपने आप में अलौकिक अनुभव होगा। संग्रहालय में तो इसके लिए जरूरी इंतजाम किए ही जा रहे हैं, महाकुंभ के दौरान भी श्रद्धालुओं को इन महानतम कवियों की रचनाओं का आनन्द मिल सके, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए फिल्म डिवीजन और दूरदर्शन के साथ साथ आकाशवाणी से भी इलाहाबाद संग्रहालय की बात चल रही है। वहां से इन प्रमुख कवियों की रचनाओं की लिस्ट भी आ चुकी है।