Mahakumbh 2025: कौन हैं संत शिवानंद? जो पिछले 100 साल से हर कुंभ में हो रहे शामिल
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के मेले में हर बार हमें कुछ नए और अद्भुत बाबाओं के बारे में जानने को मिलता है। इस बार एक और बाबा चर्चा का केंद्र बने हुए हैं, जिनका नाम है स्वामी शिवानंद बाबा। यह बाबा कोई साधारण साधु नहीं, बल्कि 100 वर्षों से भी ज्यादा समय से भारतीय कुंभ मेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रहे हैं।;
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के मेले में हर बार हमें कुछ नए और अद्भुत बाबाओं के बारे में जानने को मिलता है। इस बार एक और बाबा चर्चा का केंद्र बने हुए हैं, जिनका नाम है स्वामी शिवानंद बाबा। यह बाबा कोई साधारण साधु नहीं, बल्कि 100 वर्षों से भी ज्यादा समय से भारतीय कुंभ मेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रहे हैं।
उनके शिष्य संजय सर्वजाना के अनुसार, बाबा ने प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में होने वाले सभी प्रमुख कुंभ मेलों में शिरकत की है। बाबा का जीवन एक प्रेरणा है, जो संतुलित जीवन और योग के प्रति अनूठी श्रद्धा को दर्शाता है।
बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था जन्म
स्वामी शिवानंद बाबा का जन्म 8 अगस्त 1896 को हुआ था, और उनका जीवन बेहद संघर्षों और कठिनाइयों से भरा था। उनके शिष्य फाल्गुन भट्टाचार्य ने बताया कि बाबा का जन्म एक भिखारी परिवार में हुआ था। बहुत छोटी उम्र में उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। चार साल की उम्र में, उनके माता-पिता ने उन्हें संत ओंकारानंद गोस्वामी के पास भेज दिया था ताकि वह जीवन के बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। एक दुखद घटना के बाद जब बाबा अपने घर लौटे, तो उन्हें अपनी बहन का निधन और एक सप्ताह के भीतर अपने माता-पिता को खोने का सामना करना पड़ा।
यह घटनाएँ बाबा के जीवन को आकार देने वाली महत्वपूर्ण मोड़ थीं। संत ओंकारानंद ने उनका पालन पोषण किया और बाबा ने योग और साधना की राह पर चलने का निर्णय लिया। उन्होंने कम उम्र से ही आधे पेट भोजन करने और साधारण जीवन जीने का संकल्प लिया। बाबा का यह आहार और दिनचर्या उन्हें एक ऐसी मानसिक और शारीरिक स्थिति में रखता है, जिससे वह अत्यधिक फिट रहते हैं।
जीवनशैली बहुत ही अनुशासित
स्वामी शिवानंद बाबा का दिन बेहद अनुशासित होता है। वह रात को नौ बजे सो जाते हैं और सुबह तीन बजे उठकर योग और ध्यान में लीन हो जाते हैं। वह दिन में कभी नहीं सोते और उनका आहार पूरी तरह से साधारण होता है। वह उबला हुआ खाना खाते हैं, जिसमें तेल और नमक का इस्तेमाल नहीं होता है। बाबा का मानना है कि संतुलित आहार और नियमित योग से व्यक्ति अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकता है।
दिल्ली के हीरामन बिस्वास, जो 2010 में बाबा से संपर्क में आए थे, ने बाबा की फिटनेस और जीवनशैली से प्रभावित होकर कहा, "बाबा की कड़ी साधना और साधारण जीवनशैली ने मुझे भी स्वस्थ रहने की प्रेरणा दी।" स्वामी शिवानंद बाबा का यह संदेश है कि आज के युवा को सुबह जल्दी उठकर आधा घंटा योग करना चाहिए, संतुलित जीवनशैली अपनानी चाहिए और स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से चलना चाहिए।