priyanka gandhi : प्रियंका गांधी ने फेसबुक लाइव में की 'मन की बात', महिला सशक्तिकरण सहित निजी सवालों का भी दिया जवाब
Priyanka Gandhi Live: कोरोना महामारी के बीच आज से प्रियंका गांधी ने फ़ेसबुक लाइव के जरिये उन्होंने आम जनता से सीधा संवाद शुरू किया।
Priyanka Gandhi Live: कोरोना महामारी के बीच आज से प्रियंका गांधी ने वर्चुअल संबोधन शुरू किया। आज फ़ेसबुक लाइव के जरिये उन्होंने आम जनता से सीधा संवाद शुरू किया। अपने सम्बोधन में प्रियंका गाँधी ने महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए उत्तर प्रदेश की विभिन्न घटनाओं का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने उन्नाव पीड़िता का भी दर्द बयां किया। प्रियंका गांधी के निशाने पर बीजेपी रही
प्रियंका गांधी ने आज कहा, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रैली द्वारा सम्बोधन अब मुनासिब नहीं है। इस तरह की रैलियों से देश में कोरोना संक्रमण और बढ़ सकता है इसलिए हमारी पार्टी ने ये निर्णय लिया कि हम वर्चुअल मीटिंग शुरू करें। आगे भी हम आपसे फेसबुक के जरिए मिलते रहेंगे हुए आपके सवालों के जवाब देंगें।
जानें कैसे बना 'लड़की हूँ लड़ सकती हूं'
एक सवाल जान उनसे पूछा गया कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' ये पंच लाइन आपको कहां से मिला? इसके जवाब में प्रियंका कहती हैं। मुझे एक ऐसी लाइन चाहिए थी जिससे युवा लड़कियों को प्रतिनिधित्व करता प्रतीत हो। साथ ही ये होना चाहिए, कि मैं लड़की हूं, मेरा अस्तित्व क्या है, तो 'लड़की हूं' वाला हिस्सा निकलकर आया। फिर, हमने लोगों के आइडियाज लिए और उससे मिलकर इस पुरे लाइन का निर्माण हुआ। लड़की हूँ लड़ हूं।
ये हैं प्रियंका की पसंदीदा महिला शख्सियत
एक अन्य सवाल, जिसमें उन्होंने अपनी पसंदीदा महिला व्यक्तित्व के बारे में बताया। प्रियंका की वर्तमान में पसंदीदा महिला शख्सियत हैं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न। उनका कहना है जैसिंडा का व्यक्तित्व वो है जिसमें एक सशक्त महिला के सारे गुण उन्हें दिखते हैं। उसके बाद उनकी भारतीय महिलाओं में इंदिरा गांधी पसंदीदा चेहरा रही हैं। इसलिए नहीं कि वो उनकी दादी हैं बल्कि इसलिए कि मैं उनसे काफी इंस्पायर हूं।
लाइव सेशन के दौरान प्रियंका से लड़की हूं लड़ सकती हूं के बीच की एक लाइन पर किसी ने पूछा, आप घर और राजनीति को कैसे संभाल लेती हैं? तो, इसके जवाब में उन्होंने कहा, मेरी शादी की 25वीं सालगिरह है। इस दौरान मेरा पूरा फोकस इसी पर रहा। घर, बच्चे और उनकी परवरिश। अब बच्चे बड़े हो गए और बाहर पढ़ते हैं तो अब आदत सी हो गई है। उन्हें अब मेरी उतनी जरूरत नहीं है। लेकिन मई लखनऊ में हूं या झांसी में, लेकिन घर चलना।
हम महिला शक्ति के साथ एकजुटता के साथ खड़े रहेंगे, लड़ाई लड़ते रहेंगे।
महिला शक्ति की एकजुटता ही देश की राजनीति को बदल सकती है, अब महिला शक्ति को एकजुट होकर अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी।
कांग्रेस महासचिव ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देने की बात कही। इनका कहना है कि इस कोरोना के दौर में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई समस्याएं आई हैं जिसका निवारण आवश्यक है।
उन्होंने महिला स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर अपनी पार्टी की कार्ययोजना पर बातें रखी।
उन्होंने कहा, आरक्षण नीतियों को ध्यान में रखते हुए। ही महिलाओं को रिजर्वेशन दिया जाएगा।
अपने संबोधन में प्रियंका ने आज महिला सशक्तिकरण और लड़की हूँ लड़ सकती हूं कैम्पेन के बारे में भी बात की।