Book Launch: कभी उनके दुबले होने के कारण नहीं मिला था रोल, पर नहीं मानी हार और आज पहुंच गए इस मुकाम पर
Book Launch: प्रो राज बिसारिया के कविता संग्रह आई एम नॉट द गार्डनर के लोकार्पण में वरिष्ठ रंगमंचकर्मियों ने उनके साथ अपने पल साझा किए।
Book Launch: वर्ष 1953 में लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा भारतीय विज्ञान कांग्रेस प्ले के समक्ष एक अंग्रेजी नाटक प्रस्तुत किया जाना था। अंग्रेजी विभाग के इस 17 वर्षीय छात्र ने नाटक के लिए ऑडिशन दिया और अपने पतलेपन के कारण चयन नहीं हुआ। लेकिन नाटक में उन्हें कर्टेन बॉय का रोल मिला। उसी कर्टेन बाँय को आज हम सब रंगमंच की जान और प्रतिष्ठित कलाकार राज बिसारिया के नाम से जानते हैं।
प्रोफेसर राज बिसारिया की कविता संग्रह आईएम नॉट द गार्डनर का लखनऊ गोल्फ क्लब में लोकार्पण किया गया। किताब के लोकार्पण का कार्यक्रम लखनऊ एक्सप्रेशंस सोसाइटी द्वारा आयोजित किया गया था।
पद्मश्री प्रोफेसर राज बिसरिया
पद्मश्री प्रोफेसर राज बिसारिया भारतेंदु नाट्य अकादमी के संस्थापक और जानेमाने स्कालर में से एक है। वह थिएटर ऑफ वर्कशॉप के भी संस्थापक हैं। भारतीय थिएटर की उन्नति में उनका बहुत बड़ा योगदान है। इसके लिए उन्हें कई जगह सम्मानित भी किया जा चुका है। प्रोफेसर राज ने 1956 से नाटकों का निर्देशन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने हिंदी व अंग्रेजी में लगभग 75 नाटक किए हैं। इसके अलावा उन्होंने फिल्मों में भी अभिनेता के तौर पर काम किया है।
अंग्रेजी विभागध्यक्ष रानू उनियाल और प्रोफेसर राज बिसारिया की बातचीत
लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रानू उनियाल ने प्रोफेसर राज बिसारिया से बातचीत की। वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान। प्रोफेसर रानू ने जब इन पंक्तियों से अपनी बातचीत को शुरू करा तो प्रोफेसर बिसारिया ने कहा कि उनकी सोच और उनका संघर्ष कविता के रूप में जन्म लेता रहा है। इस बातचीत के दौरान आपने कुछ पुराने किस्से याद करते हुए प्रोफेसर बिसारिया भावुक से हो गए। इस अवसर पर प्रदीप नारायण माथुर, कनक रेखा चैहान से किरण बिसारिया, डॉ अम्मार रिजवी मौजूद रहे।
प्रोफेसर बिसारिया ने अपनी पत्नी किरण से पहली मुलाकात को याद किया
प्रोफेसर राज बिसारिया अपनी पत्नी किरण बिसारिया से पहली मुलाकात को याद करते हुए कहते हैं “किरण से मेरी शादी एक अंतर्जातीय और अंतर धार्मिक विवाह है। उस समय मुझे समाज और परिवार से और उलाहना मिली लेकिन समय के साथ सब ठीक होता गया और किरण मेरी जीवन साथियों प्रेरणा स्रोत बन गई।”
दर्शकों ने प्रोफेसर बिसारिया के साथ कुछ यादों को सांझा करा
कार्यक्रम में आए दर्शकों ने प्रोफेसर बिसारिया के साथ अपने कुछ पलों को साझा किया। प्रोफेसर राज के विद्यार्थी और एक एक्टर अतुल तिवारी उनकी डांट, मार और सीट को याद करते हुए कहते हैं “उनकी डांट ने मेरे जीवन को एक दिशा दी।” पूर्व मंत्री डॉ अम्मार रिजवी ने शायराना अंदाज में प्रोफेसर राज के प्रति अपनत्व व्यक्त किया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में रंगमंच साहित्य और कला की जानी मानी हस्तियां मौजूद रहीं। वरिष्ठ अभिनेता अनिल रस्तोगी, वरिष्ठ रंगमंचकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ, दूरदर्शन की अधिकारी रमा अरुण त्रिवेदी, वरिष्ठ रंगमंचकर्मी सलीम आरिफ मौजूद रहे।