Anand Giri: हिरासत में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि, सुलह के बाद भी नहीं सुलझा था विवाद

Anand Giri Giraftaar : महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद उनके शिष्य आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ़्तार कर लिया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-09-20 15:46 GMT

महंत नरेंद्र गिरि शिष्य आनंद गिरि (फोटो- सोशल मीडिया)

Anand Giri Giraftaar : अखाड़ा परिषद (Akhada Parishad) के अध्यक्ष और अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले महंत गिरि (Mahant Narendra Giri Ka Nidhan) की सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर स्थित बाघम्बरी गद्दी मठ के एक कमरे में फंदे से लटका मिला है। हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण आईजी रेंज समेत सभी वरिष्ठ पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए हैं।

मौके पर मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। वरिष्ठ पुलिस अफसरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही महंत की मौत की असली वजह साफ होगी। इसके साथ ही सुसाइड नोट की जांच कराने की भी तैयारी है। हालाँकि शिष्य आनंद गिरी (Anand Giri Giraftaar) को हरिद्वार से गिरफ़्तार कर लिया गया है।

काफी दिनों तक चला विवाद

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (Mahant Narendra Giri Ka Nidhan) की मौत को उनके शिष्य आनंद गिरि से हुए विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। अपने गुरु के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आनंद गिरि ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक शिकायती पत्र भेजा था। गुरु और शिष्य का यह विवाद काफी दिनों तक चला। मगर बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया था ।

इस बाबत वीडियो जारी करके महंत नरेंद्र गिरि ने शिष्य को माफ कर देने की बात कही थी। वैसे जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच सुलह के बावजूद विवाद पूरी तरह नहीं सुलझा था। इसी का नतीजा था कि इस साल गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरि (Anand Giri Giraftaar) गुरु का दर्शन करने भी नहीं पहुंचे थे।

आनंद गिरि गिरफ़्तार (फोटो- सोशल मीडिया)

कई मुद्दों पर बना हुआ था गुरु-शिष्य का विवाद

महंत (Mahant Narendra Giri Ka Nidhan) के करीबी सूत्रों और बाघम्बरी मठ से जुड़े लोगों का कहना है कि भले ही गुरु और शिष्य के बीच विवाद खत्म हो जाने का वीडियो जारी हुआ था । मगर भीतर ही भीतर कई मुद्दों पर विवाद बना हुआ था। इस बात की पुष्टि गुरु पूर्णिमा के दिन भी हुई थी। देश में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने की परंपरा है।

गुरु पूर्णिमा के दिन बाघम्बरी मठ में भी काफी संख्या में शिष्य महंत नरेंद्र गिरि का दर्शन करने के लिए पहुंचे थे ।,मगर उस दिन भी आनंद गिरि का मठ न पहुंचना लोगों को काफी खटका था। इसे लेकर शिष्यों के बीच खूब चर्चा भी हुई थी। कई लोगों का मानना था कि गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरि का गुरु के दर्शन के लिए न पहुंचना इस बात का सबूत था कि दोनों के बीच विवाद की गुत्थी नहीं सुलझ सकी है।

पीएम और गृह मंत्री तक से की थी शिकायत

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri Ka Nidhan) और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच मठ मंदिरों की जमीनों और चढ़ावे के पैसे को लेकर विवाद पैदा हुआ था। इस विवाद के पैदा होने के बाद आनंद गिरि को निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। आनंद गिरि ने इस मामले को लेकर देश के कई प्रमुख लोगों को चिट्ठियां लिखी थीं।

उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अखाड़े के विवाद और जमीन बेचकर संपत्ति बनाने के मामले में महंत नरेंद्र गिरि की शिकायत की थी।

आनंद गिरि ने प्रयागराज शहर के कीडगंज स्थित गोपाल मंदिर को भी आधा बेच देने का आरोप लगाया था। आनंद गिरि ने मांग की थी कि मठ और मंदिरों की जमीनों को बेचकर करोड़ों रुपए की कमाई करने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए।

आनंद गिरि (फोटो- सोशल मीडिया)

बड़े हनुमान मंदिर के चढ़ावे का विवाद

उनका कहना था कि संगम स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर में लाखों रुपए के चढ़ावे और प्रसाद से होने वाली बेहिसाब आमदनी की भी जांच की जानी चाहिए। उनका कहना था कि बड़े हनुमान जी के मंदिर में रोजाना काफी बड़ी मात्रा में लड्डू चढ़ाया जाता है मगर इन लड्डुओं की जांच तक नहीं की जाती।

उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि पर छतौना प्रतापपुर गांव में अपने भाइयों के मकान बनवाने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की थी कि इस मामले की भी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए ताकि पैसे के दुरुपयोग का पता चल सके।

आनंद गिरि ने योगी के पास भी भेजी थीं तस्वीरें

अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आनंद गिरि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भी अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को कुछ तस्वीरें भी भेजी थीं जिसमें महंत नरेंद्र गिरि अपने मठ के ही एक विद्यार्थी की शादी में नोटों की गड्डियां लुटाते हुए दिख रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भी यह तस्वीर खूब वायरल हुई थी जिस पर बाद में महंत नरेंद्र गिरि ने स्पष्टीकरण भी दिया था। आनंद गिरि ने मुख्यमंत्री के पास महंत नरेंद्र गिरि के कई शिष्यों के आलीशान मकानों की भी तस्वीरें भेजी थीं। उनका कहना था कि महंत नरेंद्र गिरि की ओर से दिए गए पैसे से ही इन आलीशान भवनों का निर्माण किया गया है।

 करीबी सेवादार भी बने करोड़ों के मालिक

आनंद गिरि (फोटो- सोशल मीडिया)

आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि के करीबी सेवादारों की संपत्ति की जांच कराने की भी मांग की थी। उनका कहना था कि ये सेवादार जब महंत नरेंद्र गिरि के पास आए थे, तो उनके पास कुछ भी नहीं था ।

मगर जल्द ही वे करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए। उनका कहना था कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए कि नरेंद्र गिरि के ये करीबी सेवादार करोड़ों के मकानों, लग्जरी गाड़ियों और महंगी जमीनों के मालिक कैसे बन गए।

महंत गिरि के निधन पर आईजी प्रयागराज केपी सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा- पार्थिव शरीर सम्मान के साथ रखा जाएगा। बाघम्बरी मठ में पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

साथ ही आईजी ने बताया कि आज पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा। कल सुबह पोस्टमार्टम किया जाएगा।

अभी तक नहीं बुझी थी विवाद की चिंगारी

महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि पर आरोप लगाए जाने के बाद एक बार फिर दोनों के बीच विवाद की ही चर्चा गरमा गई है। माना जा रहा है कि दोनों के बीच सुलह का वीडियो भले ही जारी किया गया हो मगर सच्चाई यह है कि विवाद की चिंगारी भीतर ही भीतर अभी तक सुलग रही थी। जिसकी परिणति महंत नरेंद्र गिरि की मौत के रूप में हुई है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच पड़ताल में जुट गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।

Tags:    

Similar News