Prayagraj News: गंगा नदी में गिर रहा केमिकल युक्त पानी, साधु-संतों ने जताई चिंता
संगम शहर प्रयागराज में गंगा नदी अब बदहाली के आंसू बहा रही है। प्रयागराज से आई तस्वीर सभी को हैरान और नमामि गंगे और स्वच्छ भारत
Prayagraj News: संगम शहर प्रयागराज में गंगा नदी अब बदहाली के आंसू बहा रही है। प्रयागराज से आई तस्वीर सभी को हैरान और नमामि गंगे और स्वच्छ भारत मिशन की असल सच्चाई क्या है यह भी साफ दिख जाएगी। लॉक डाउन के दौरान एक तरफ जहां गंगा की स्वच्छ और अविरल तस्वीर देखने को मिली थी वही अब अनलॉक होने के बाद गंगा फिर प्रदूषित होती नजर आ रही है। संगम तट से सटे दारागंज इलाके में नाले से केमिकल युक्त पानी तेज गति से गंगा नदी में गिर रहा है जिससे स्थानीय और श्रद्धालुओं में काफी रोष है। नाले के बगल में ही कई मंदिर भी स्थापित है और अगर उन मंदिर और अखाड़े के महंत की बात माने तो उनका कहना है कि पिछले कई दिनों से लगातार केमिकल युक्त पानी नाले से सीधा गंगा नदी में गिर रहा है।
केमिकल युक्त पानी से श्रद्धालुओं को होती है परेशानी
इसकी शिकायत भी कई बार अधिकारियों से की गई लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि दिन में तो थोड़ा धारा धीरे रहती है लेकिन जैसे ही शाम होने लगती है वैसे ही तेज गति से गंदा पानी गंगा की तरफ गिरने लगता है। गंगा नदी में केमिकल युक्त गंदा पानी गिरते देख आम श्रद्धालु और स्थानीय लोग भी सरकार और प्रशासन की इस लापरवाही से काफी गुस्से में है। अखाड़े के महंत का ये भी कहना है कि केमिकल युक्त पानी की वजह से पूरे इलाके में इतनी बदबू रहती है कि कोई भी श्रद्धालु अखाड़े में प्रसाद ग्रहण करने नहीं आता है।
यह समस्या आए दिन बनी रहती है। आप तस्वीरों में भी खुद देख सकते हैं किस तरीके से केमिकल झाग युक्त पानी गंगा नदी में प्रवेश कर रहा है। रात में इसकी गति और भी तेज हो जाती है और तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि रात होने के बावजूद भी नदी में केमिकल झाग ही झाग दिखाई दे रहा है। संगम शहर प्रयागराज एक धार्मिक नगरी है और यहां आम दिन हो या फिर सावन का महीना हो भारी संख्या में श्रद्धालु और कावड़िए गंगाजल लेने इसी जगह आते हैं और यहां से गंगाजल लेकर के काशी या फिर अन्य शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाते हैं। बीते कई दिनों से तेज गति से केमिकल झाग युक्त पानी गंगा नदी में जा रहा है जो सरकार के तमाम दावों की पोल भी खोल रहा है।
हैरानी की बात यह है कि इसी जगह पर देश दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कुंभ मेला भी लगता है और अब सावन के महीने में भी प्रदेश और देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु और कावड़िए इसी गंगाजल से अपनी कावड़ यात्रा की शुरुआत भी करते हैं। श्रद्धालुओ का भी कहना है कि सरकार केवल गंगा के नाम पर राजनीति कर रही है लगातार गंगा नदी में गिर रहे इस गंदे पानी को देख कर के वह खुद ही हैरान है। श्रद्धालुओ का कहना है कि अगर जल्दी सरकार ने और प्रशासन ने गंगा में सीधे गिर रहे इस नाले को बंद नहीं किया तो वह उग्र प्रदर्शन पर मजबूर होंगे।