Prayagraj News: वरिष्ठ अधिवक्ता का दावा, गंगा जल में कोरोना के साथ कई रोगों को ठीक करने की है क्षमता

गंगा जल सबसे स्वच्छ माना गया है, इस पर कई रिसर्च भी हुए हैं। अब यह भी कहा जा रहा है कि इससे कोरोना का इलाज भी संभव है।

Report :  Syed Raza
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-09-14 14:53 IST

वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता (फोटो-न्यूजट्रैक)

Prayagraj News: गंगा जल (ganga jal) की महत्ता और इसके औषधीय गुणों के बारे में पहले भी कई शोध हो चुके हैं और कई तरह के दावे किए जा चुके हैं। गंगा जल (ganga jal) में स्नान की अहमियत बताई जा चुकी है, तो वहीं अब गंगा जल (ganga jal) को कोरोनावायरस (coronavirus) से लड़ने में सक्षम होने का दावा किया गया है। इस संबंध में व्यापक अनुसंधान कराने की मांग इलाहाबाद हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और गंगा पर न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) अरुण कुमार गुप्ता (Arun Kumar Gupta) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। उन्होंने बताया कि उनके पत्र को संज्ञान में लेते हुए नमामि गंगे परियोजना की तरफ से आयुष मंत्रालय को भिजवा दिया गया है।

एमिकस क्यूरी अरुण कुमार गुप्ता (Arun Kumar Gupta) ने बताया कि गंगा जल (ganga jal) में 1300 फेज पाए जाते हैं। फेज यानी नदियों में मिलने वाला वायरस। यह फेज विभिन्न रोगों से लड़ने में सहायक होता है। अरुण कुमार गुप्ता (Arun Kumar Gupta) का कहना है कि जबसे कोरोना महामारी फैली है, दुनिया भर के वैज्ञानिकों द्वारा गंगाजल पर शोध किया गया। शोध पत्र तैयार कर उन्होंने राष्ट्रपति के पास मार्च 2020 में भेजा था। राष्ट्रपति भवन की तरफ से इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को पत्र भेज इस दावे की जांच के लिए निर्देशित किया गया था। हालांकि आईसीएमआर (ICMR) के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने अप्रैल, 2020 में इस शोध पत्र का वर्चुअल अवलोकन करने के अलावा कुछ और नहीं किया।

अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि नमामि गंगे ने आयुष मंत्रालय को जो पत्र भेजा है उसे संज्ञान लिया जाए ताकि और अनुसंधान हो सके। अभी तक कोरोनावायरस के जो प्रभाव हैं, उन्हें रोकने में गंगा जल का फेज महत्वपूर्ण हैं। उन्हें उम्मीद है कि महामारी की रोकथाम के लिए इस दिशा में हुआ अनुसंधान सहायक होगा। उन्होंने खुशी जाहिर की है कि सरकार इस पर शोध कराने के लिए तैयार है। अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार की तरफ से क्लिनिकल ट्रायल की यह सकारात्मक पहल है। भविष्य में इसके बेहतर नतीजे सामने आएंगे।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल हुई याचिका पर केंद्र सरकार को जवाब देना है। ऐसे में सरकार ने गंगाजल पर शोध करने के लिए कई विभागों को जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि लोग भी मानते हैं कि गंगाजल से कई रोगों का इलाज हो सकता है, क्योंकि गंगाजल पवित्र जल है और कभी भी गंगाजल में कीड़े नहीं पड़ते। यह भी देखा गया है कि गंगाजल में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है । अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मसले पर क्या जवाब देती है। हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में अगर यह साबित हो जाता है कि गंगाजल से कोरोना का इलाज संभव है तो यह वैज्ञानिकों के लिए गर्व की बात होगी।

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