Kashi Vishwanath Dham: लोकार्पण के लिए 20 मिनट का शुभ मुहूर्त, रेवती नक्षत्र और श्लेषा नाड़ी में कल होगी धाम की प्रतिष्ठा
Kashi Vishwanath Dham: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सोमवार 13 दिसंबर को 20 मिनट के भीतर ही लोकार्पण के शुभ काम को पूरा किया जाएगा।
Kashi Vishwanath Dham: काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह (launch ceremony) के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ख्याल रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के हाथों सोमवार 13 दिसंबर को 20 मिनट के भीतर ही लोकार्पण के शुभ काम को पूरा किया जाएगा। काशी के प्रकांड वैदिक विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ (Acharya Ganeshwar Shastri Dravid) ने काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का शुभ मुहूर्त (shubh muhurat) निकाला है। खास बात यह है कि आचार्य द्रविड़ ने ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के शिलान्यास का मुहूर्त भी निकाला था। मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की पुनर्स्थापना के मुहूर्त निकालने की जिम्मेदारी भी आचार्य द्रोण ने ही निभाई थी।
आचार्य द्रविड़ ने बताया कि सोमवार को रेवती नक्षत्र और श्लेषा नाड़ी में काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। आचार्य द्रविड़ ने बताया कि विक्रम संवत 2078 शुक्ल पक्ष दशमी तिथि पर सोमवार को रेवती नक्षत्र (revati nakshatra) और श्लेषा नाड़ी (shlesha nadi) का काल सिर्फ 20 मिनट का ही होगा। उन्होंने बताया कि यह कालखंड शुभता से परिपूर्ण है। भार्गव मुहूर्त के अनुसार इस लघु कालखंड की शुरुआत दोपहर 1 बज कर 37 मिनट पर होगी और 1:57 पर यह लघु कालखंड समाप्त हो जाएगा।
शुभ और मंगलकारी मुहूर्त
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का मुहूर्त निकालने के लिए काशी के पंडितों ने गहराई से मंथन किया है। वैदिक विद्वान आचार्य द्रविड़ का कहना है कि सोमवार को निकाला गया 20 मिनट का काल सभी प्रकार की आपदाओं से रक्षा करने वाला है। उन्होंने बताया कि मंथन करने पर 13 दिसंबर की तिथि पूर्ण मिली है और वार भी सोमवार का मिल गया।
उन्होंने कहा कि सोमवार और रेवती नक्षत्र का योग मातंग योग बनाने वाला होता है। मातंग का तात्पर्य हाथी है और हाथी बलवान होने के साथ ही शुभ और मंगलकारी है। उन्होंने कहा कि मातंग के योग में किए जाने वाले कार्यों से कुल की अभिवृद्धि भी होती है।
राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा
आचार्य द्रविड़ ने कहा कि भार्गव मुहूर्त का संयोजन भी काफी महत्वपूर्ण है। उत्सव संबंधी कार्य इस मुहूर्त में करना शुभ और मंगलकारी है। इसलिए सोमवार को 20 मिनट का यह कालखंड बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए सर्वोत्कृष्ट है। इस कालखंड में लोकार्पण से राष्ट्र की प्रगति और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होने के साथ ही विश्व में शांति भी स्थापित होगी।
आचार्य द्रविड़ ने कहा कि शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की एक-एक कला बढ़ती रहती है और चंद्रमा के बढ़ने से स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ धाम प्रतिष्ठा महोत्सव आठवें होरा में करना सर्वोत्तम रहेगा। आठवां होरा चंद्रमा का है। प्रकांड विद्वान ने कहा कि चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान है और इस कार्य में सहायक होंगे।
आचार्य ने ही निकाला था राम मंदिर का मुहूर्त
काशी के प्रकांड विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने ही अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन और शिलान्यास का शुभ मुहूर्त निकाला था। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इस संबंध में आचार्य द्रविड़ से विशेष अनुरोध किया गया था। राम मंदिर का भूमि पूजन पिछले साल 5 अगस्त को हुआ था। आचार्य द्रविड़ की ओर से निकाले गए मुहूर्त को लेकर कुछ सवाल भी खड़े किए गए थे।
आचार्य द्रविड़ ने मुहूर्त पर शंका करने वालों को शास्त्रार्थ की चुनौती भी दे दी थी। आचार्य द्रविड़ ने 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकेंड 12 बजकर 15 मिनट 47 सेकेंड तक का समय निकाला था। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य द्रविड़ की ओर से निकाले गए 32 सेकंड के कालखंड में ही राम मंदिर की आधारशिला रखी थी।