रेमडेसिवीर के किल्लत की कहानी, आगरा के एक मरीज की जबानी
सीएम योगी ने कहा कि COVID-19 रोगियों का उपचार और यह सुनिश्चित करें कि इंजेक्शन काला बाजारी कर उच्च कीमतों पर नहीं बिकें।
लखनऊ: सरकार के निर्देशों के बावजूद उत्तर प्रदेश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की किल्लत दूर होने का नाम नहीं ले रही है। तंत्र जहां इंजेक्शन ब्लैक करने वालों पर शिकंजा कसने की बात कर रहा है वहीं मार्केट से इंजेक्शन पूरी तरह गायब है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी मरीज को दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए।
ताजा घटना आगरा में भर्ती एक वरिष्ठ पत्रकार का है जो कि एक मीडिया हाउस से जुड़े हैं। उनको डॉक्टर ने 11 अप्रैल को रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। पूरे आगरा में कहीं इंजेक्शन नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने दिल्ली, लखनऊ, कानपुर सब जगह तलाश किया लेकिन कहीं भी इंजेक्शन नहीं मिला। इंजेक्शन ब्लैक में मिलने की बात सुनकर उन्होंने इस बारे में भी लोगों से संपर्क किया लेकिन 16 हजार एक इंजेक्शन की कीमत बताने के बाद भी कोई तत्काल इंजेक्शन उपलब्ध कराने को तैयार नहीं हुआ। इंजेक्शन की सप्लाई 24 घंटे में मरीज को देने वाली दवा कंपनी से भी उन्होंने 16 अप्रैल को संपर्क किया जहां से बताया गया कि अगले चार दिन कोई संभावना नहीं है। इसके बाद पीड़ित परिवार ने किसी तरह से दो इंजेक्शन की व्यवस्था की जिसमें एक इंजेक्शन मरीज को दे दिया गया है जबकि अभी चार इंजेक्शन की व्यवस्था में परिवारीजन जुटे हुए हैं।
इंजेक्शन की कमी
ये एक मामला सिर्फ एक बानगी है इंजेक्शन की कमी की। पूरे उत्तर प्रदेश में सब कहीं का यही हाल है। सरकार की गाइडलाइन में कहा गया है कि ये इंजेक्शन सिर्फ उन्हीं पीड़ितों को दिया जाए जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है बावजूद इसके इसकी सप्लाई चेन दुरुस्त नहीं हो पा रही है।
रेमडेसिवीर और अन्य दवाओं की कालाबाजारी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य के स्वास्थ्य विभाग और राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे रेमडेसिवीर और अन्य दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी की जाँच करें। COVID-19 रोगियों का उपचार और यह सुनिश्चित करें कि इंजेक्शन काला बाजारी कर उच्च कीमतों पर नहीं बिकें। सीएम ने अगले महीने तक दवाओं की उपलब्धता का आकलन करने और उसके बाद मांग बढ़ाने का निर्देश दिया है।