अमृत महोत्सव: किया गया स्वतंत्रता सेनानियों को याद, कौन हैं अशफाक उल्ला खाँ

अशफाक उल्ला का जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ था। अशफाक उल्ला खाँ शफीकुर रहमान और मजहरुन्निशाँ के छह बच्चों में से सबसे छोटे थे।

Update: 2021-03-14 09:37 GMT
अयोध्या अमृत महोत्सव: किया गया स्वतंत्रता सेनानियों को याद, कौन हैं अशफाक उल्ला खाँ (PC: social media)

अयोध्या: आजादी के 75 वर्ष पूरा होने के बाद भारत सरकार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। जिस कड़ी में हिंदू -मुस्लिम एकता के प्रतीक अशफाक उल्ला खाँ को 19 दिसंबर 1927 को फैजाबाद अब अयोध्या की जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। देश के लिए अपने जीवन का बलिदान करने वाले अशफाक का जिक्र अमृत महोत्सव के दौरान ना किया जाना एक बेमानी साबित होगा।

ये भी पढ़ें:रायबरेली: अधिकारियों समेत दर्जनों पर मुकदमा दर्ज, कमला नेहरू ट्रस्ट से जुड़ा मामला

अशफाक उल्ला का जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ था

अशफाक उल्ला का जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ था। अशफाक उल्ला खाँ शफीकुर रहमान और मजहरुन्निशाँ के छह बच्चों में से सबसे छोटे थे। अशफाक उल्ला खाँ के पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे। जिस समय महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया था तो उस समय अशफाक उल्ला खाँ एक स्कूल छात्र थे। लेकिन इस आंदोलन का अशफाक पर काफी प्रभाव पड़ा जिसने इन्हें स्वतंत्रता सेनानी बनने के लिए प्रेरित किया। अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी में हुई ट्रेन लूटपाट में सक्रिय भागीदार होने की वजह से ब्रिटिश सरकार द्वारा विद्रोही करार दिया गया था।

ayodhya-matter (PC: social media)

भारत को ब्रिटिश शासन के बंधनों से मुक्त कराना उनका प्रमुख उद्देश्य था

चौरी-चौरा की घटना के बाद, महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर भारत के युवाओं को निराशाजनक स्थिति में छोड़ दिया था। अशफाक उल्ला उनमें से एक थे। अशफाक उल्ला खाँ ने जल्द से जल्द भारत को स्वतंत्र करने की ठान ली थी और ये उग्रवादियों से जुड़ गए। अशफाक उल्ला खाँ ने राम प्रसाद बिस्मिल (जो शाहजहांपुर के प्रसिद्ध क्रांतिकारी और आर्य समाज के सदस्य थे) के साथ मित्रता कर ली। उनकी आस्थाओं में मतभेद होने के बावजूद भी भारत को ब्रिटिश शासन के बंधनों से मुक्त कराना उनका प्रमुख उद्देश्य था।

8 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर में क्रांतिकारियों द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी

8 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर में क्रांतिकारियों द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उन लोगों ने ट्रेन से ले जाए जा रहे हथियार को खरीदने के बजाय उस सरकारी खजाने को लूटने का फैसला किया था। इस प्रकार 9 अगस्त 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला, राजेन्द्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह, शचीन्द्र बख्शी, चंद्रशेखर आजाद, केशव चक्रवर्ती, बनवारी लाल, मुकुन्दी लाल, मनमथनाथ गुप्ता समेत कई उग्रवादियों के समूह ने ककोरी गाँव में सरकारी धन ले जाने वाली ट्रेन में लूटपाट की थी। इस घटना को इतिहास में प्रसिद्ध काकोरी ट्रेन डकैती के रूप में जाना जाता है।

राम प्रसाद बिस्मिल को 26 सितंबर 1925 की सुबह पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था

इस लूटपाट के कारण राम प्रसाद बिस्मिल को 26 सितंबर 1925 की सुबह पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। अशफाक उल्ला अभी भी फरार थे। वह बिहार से बनारस के लिए चले गए और वहाँ जाकर उन्होंने इंजीनियरिंग कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने 10 महीने तक वहाँ काम किया। इसके बाद वह इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए विदेश जाना चाहते थे जिससे आगे चलकर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में मदद मिल सके। अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह दिल्ली भी गए। अशफाक उल्ला खां ने अपने पठान मित्रों में से एक पर भरोसा किया, जिसने उनकी मदद करने का नाटक किया था और बदले में उसने अशफाक को पुलिस को सौंप दिया।

ये भी पढ़ें:सऊदी अरब में नौकरी करना हुआ आसान, अब भारतीय मजदूरों की परेशानी खत्म

अशफाक उल्ला खाँ को फैजाबाद जेल में बन्द कर दिया गया था

अशफाक उल्ला खाँ को फैजाबाद जेल में बन्द कर दिया गया था। उनके भाई रियासतुल्लाह उनके वकील थे जिन्होंने इस मामले (केस) को लड़ा था। काकोरी ट्रेन डकैती का मामला राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन को मौत की सजा देने के साथ समाप्त हुआ। जबकि अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वर्तमान समय में 19 दिसंबर को जिला कारागार अयोध्या पर विभिन्न राजनीतिक सामाजिक प्रशासनिक अफसर शहीद अशफाक उल्ला खां के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको नमन करते हैं शहीद अशफाक उल्ला खान मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें समाज के सभी संप्रदाय के लोग भाग लेते हैं।

रिपोर्ट- नाथ बख्श सिंह

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News