कांवड़ यात्राः योगी के फैसले पर मचा घमासान, सहयोगी दल आरएलडी और जेडीयू ने खड़े किए सवाल

Kanwar Yatra 2024: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा पर लिए गए फैसले पर विरोधी ही नहीं सहयोगी दल भी नाराज हैं। बीजेपी की सहयोगी आरएलडी ने इस फैसले को बदलने की अपील की है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-07-19 07:31 GMT

Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के शुरू होने से पहले ही इसको लेकर घमासान मचा हुआ है और इसका कारण है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का एक फरमान। दरअसल कांवड़ा यात्रा पर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जो फरमान मुजफ्फरनगर के लिए जारी किया था अब वो पूरे यूपी में लागू होगा। अब योगी सरकार के इस फैसले पर घमासान मचा हुआ है। सरकार के इस फैसले पर बीजेपी के सहयोगी दल आरएलडी और जदयू ने भी पर सवाल उठाया है।

आरएलडी ने की फैसले को बदलने की अपील

आरएलडी ने यूपी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा पर लिए गए फैसले को बदलने की अपील की है। आरएलडी नेता और पार्टी प्रवक्ता अनिल दुबे ने इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए। हमारी पार्टी के नेता जयंत चौधरी की भी यही राय है। वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कांवड़ रूट की सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है। इसके तहत कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट लगानी होगी। अब दुकानों पर मालिक का नाम और पता लिखना अनिवार्य होगा।

वहीं हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई भी होगी। यूपी सरकार का कहना है कि यह फैसला कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिया गया है। सहयोगी दल आरएलडी और जदयू के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी यूपी की योगी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने अपनी तिखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि खान पान की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का यह आदेश अव्यावहारिक है।

कांग्रेस ने सरकार के आदेश को अव्यावहारिक बताया

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पूरी तरीके से अव्यावहारिक कार्य है। वे समाज में भाईचारे की भावना को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इसको तत्काल निरस्त करना चाहिए। वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए।

सीएम के फैसले पर क्या बोले मंत्री कपिल देव अग्रवाल?

योगी सरकार के फैसले पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि यह ठेले वालों का विषय नहीं है। कांवड़ रूट पर जो लोग हरिद्वार और गोमुख से जल लेकर 250-300 किलोमीटर की यात्रा करके अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। हमने जिला प्रशासन से आग्रह किया था कि जो लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर ढाबा-होटल चलाते हैं, उनमें ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय से होते हैं। कांवड़िए उनकी दुकानों पर जाते हैं, खाते हैं और वो नॉनवेज बेचते हैं यानि दुकान का नाम हिंदू देवी-देवता के नाम पर और वहां नॉनवेज बेचते हैं, उनके ऊपर प्रतिबंध लगना चाहिए और उनके नाम की पहचान होनी चाहिए। हमें किसी के नॉनवेज बेचने पर आपत्ति नहीं है। हमने सिर्फ आग्रह किया था कि हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर दुकानें खोलकर नॉनवेज ना बेचा जाए। इसी के संबंध में प्रशासन ने कार्रवाई की है।

नकवी ने पहले बताया गड़बड़ी वाला आदेश, अब कही ये बात

इससे पहले जब मुजफ्फरनगर के लिए यह फरमान लागू हुआ था तब बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे हड़बड़ी में गड़बड़ी वाला आदेश बताया था। नकवी ने कहा था कि कांवड़ यात्रियों की शूचिता के लिए यह फैसला लिया गया है। आस्था का सम्मान होना ही चाहिए। वहीं, अब नकवी ने कहा है कि एक सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के कारण इस तरह का असमंजस हुआ था। मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने जो भी सांप्रदायिक भ्रम पैदा हुआ था उसे दूर किया है।

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