Muzaffarnagar News: जयंत ने मदन भैया के लिए मांगे वोट, 11 गांव में ताबड़तोड़ सभाएं

Muzaffarnagar News Today: राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने प्रत्याशी मदन भैया के प्रचार के लिए खतौली विधान सभा सीट में 11 गांव में नुक्कड़ सभाएं कीं।

Report :  Amit Kaliyan
Update: 2022-11-20 13:51 GMT

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा सीट (Khatauli Assembly Seat) पर होने जा रहे हो चुनाव को लेकर सभी पार्टियां प्रचार के लिए मैदान में उतर चुकी हैं। जिसको लेकर रविवार को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भी अपने प्रत्याशी मदन भैया के प्रचार के लिए खतौली विधान सभा सीट पर पहुंचे, जहां उन्होंने ताबड़तोड़ 11 गांव में नुक्कड़ सभाएं कीं।

5 तारीख में ऐसा रिजल्ट आ जाए कि गन्ने का भाव अपने आप ही घोषित हो जाए: जयंत

इन नुक्कड़ सभाओं के दौरान जयंत चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज गन्ने का भाव घोषित क्यों नहीं हुआ है, सबसे बड़ा सवाल आज लोगों की जुबान पर यही है। हम चाहते हैं कि 5 तारीख में ऐसा रिजल्ट आ जाए कि गन्ने का भाव अपने आप ही घोषित हो जाए। अभिषेक चौधरी द्वारा टिकट ना मिलने पर राष्ट्रीय लोक दल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करने के सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि जो आदमी विचारधारा से जुड़ा हुआ हो धैर्य का परिचय दें यह न सोचे कि मुझे क्या मिल रहा है, कभी-कभी कुर्बानी भी देनी पड़ती है, लंबी सोच रखे वही आदमी टिक पाता है। यही सिद्धांत सभी पार्टी पार्टियों पर लागू होता है। पार्टियां उसे आगे बढ़ाती है जो लंबे समय तक टीका रहे। उस पर पार्टी भी विश्वास कर पाए। मदन जी का अपना परिचय है, अपना अनुभव है, ये चार बार विधायक बन चुके हैं। जनता ने जो फीडबैक हमें दिया उस फीडबैक के आधार पर हमने निर्णय लिया है। वो ही फैसला हमने खतौली की जनता के हित के लिए लिया है।

लोकतंत्र में जनता के हाथ में ताकत है: जयंत चौधरी

साथ ही लोकदल प्रत्याशी मदन भैया पर महिला से पिटकर जाएंगे वाले विक्रम सैनी के बयान पर जयंत चौधरी ने कहा अब किसी की पिटाई नहीं होती है। लोकतंत्र में जनता के हाथ में ताकत है, वह वोट करेगी, अब आप किसी को पीटने की बात क्यों सोच रहे हैं। हम तो सोच नहीं रहे हैं और ना हम कह रहे हैं। महिलाएं 50% वोटर हैं, हमारी माताएं हैं, बहने हैं, हमारी मतदाता हैं, हम उसी तरीके से उनका आदर करते हैं। सम्मान करते हैं।

''गन्ने का रेट अभी घोषित नहीं हुआ''

हम चाहते हैं कि वह घर से निकलें और मतदान करें। गन्ने का रेट अभी घोषित नहीं हुआ है पिछले साल तो इस समय में डेढ़ महीना पहले ही घोषित हो चुका था। जब सरकार को चुनाव का डर लग रहा था, जब चुनाव नजदीक आ रहे थे विधानसभा के तब तो गन्ने का दाम उन्होंने घोषित कर दिया था, अब वह करना नहीं चाह रहे हैं।

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