Lakhimpur Kheri News: केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र गिरफ्तार, एसआईटी ने की पुष्टि

लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्र मुख्य आरोपी थे, एसआईटी जांच में सहयोग न करने का आरोप

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Report :  Sharad Awasthi
Update: 2021-10-09 17:12 GMT

Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू की गिरफ्तारी की एसआईटी टीम ने पुष्टि कर दी है। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने  बताया एसआईटी टीम को जांच में सहयोग न करने के कारण आशीष मिश्र उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले लगभग 12 घंटे तक आशीष से पूछताछ चली। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्र को मिला लखीमपुर के क्राइम ब्रांच में वीआईपी ट्रीटमेंट मिला। जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ अखिलेश कुमार उनका मेडिकल परीक्षण करने क्राइम ब्रांच में पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी (SIT) द्वारा उनसे 40 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिसमें से तमाम सवालों के जवाब में वह गोलमोल उत्तर देते रहे। उनके साथ अधिवक्ता अवधेश सिंह, सांसद प्रतिनिधि अरविंद सिंह, बीजेपी सदर विधायक योगेश वर्मा भी वहां मौजूद रहे। एसआईटी की गिरफ्त में आए आशीष से अब जांच टीम और भी पूछताछ करेगी। उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। बता दे हिंसा में मारे गए लोगों के ऊपर कार चढ़ाने का आशीष मिश्र और उनके साथियों पर आरोप है। जबकि उनके पिता और आशीष इस बात से इंकार कर रहे हैं।

अब तक क्या हुआ?

- शनिवार सुबह 11 बजे आशीष मिश्र अपने वकील और बीजेपी विधायक के साथ एसआईटी के सामने पेश हुए।

- सुबह 11 बजे से एसआईटी में शामिल 6 लोगों की टीम उनसे पूछताछ कर रही है।

- क्राइम ब्रांच के दफ्तर में आशीष मिश्रा से मजिस्ट्रेट के सामने सवाल-जवाब हो रहे हैं।

- पूछताछ में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल और लखीमपुर के एसडीएम भी शामिल हैं।

- आशीष मिश्रा ने अपने पक्ष में कई वीडियो और दस्तावेज पेश किए हैं।

- उन्होंने 10 लोगों के बयान का हलफनामा भी पेश किया, जो बताते हैं कि वो काफिले के साथ नहीं थे, दंगल मैदान में थे।

जानकारी के मुताबिक इस बीच आशीष से 40 सवाल पूछे गए. इसी बीच SIT के एक सवाल का आशीष जवाब भी नहीं दे सका. ऐसे में सूत्रों की मानें तो आशीष की गिरफ्तारी हो सकती है।

एसआईटी में शामिल अफसरों के नाम

डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में जांच टीम में शामिल वरिष्ठ सदस्य आईपीएस सुनील कुमार सिंह, सदस्य अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, सीओ मितौली संदीप सिंह, सीओ गोला एसएन तिवारी, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच और विवेचक विद्याराम दिवाकर, इंस्पेक्टर खीरी सियाराम वर्मा, जन शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी धर्म प्रकाश शुक्ल, स्वाट टीम प्रभारी एसआई शिवकुमार शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों ने बारी-बारी से आशीष मिश्र से सवाल किए हैं। जिस पर आशीष मिश्र ने वीडियो फुटेज के साथ अपनी कई दलीलें दीं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जांच टीम उनसे असंतुष्ट नजर आई । जिसके आधार पर कहा जा सकता है आगे की राह उनकी मुश्किलों भरी होने वाली है।

अफसरों ने नहीं की किसी से बात

लगभग 10 घंटे की पूछताछ के दौरान एसपी विजय ढुल सहित कई अन्य अधिकारी क्राइम ब्रांच के दफ्तर से बाहर निकले। लेकिन पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल या समिति का कोई सदस्य बाहर नहीं आया।

मंत्री अजय मिश्र की बढ़ी धड़कनें

वहीं बेटे के एसआईटी के सामने पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की धड़कने बढ़ी हुई हैं। बेटे के पेश होने के बाद वह भी बीजेपी दफ्तर जाकर वहीं बैठ गए। अपने सहयोगियों से पूरे मामले की जानकारी हासिल कर रहे हैं। बीजेपी दफ्तर और एसआईटी के ऑफिस में महज आधा किलोमीटर का फासला है।

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