Lakhimpur Kheri: धान खरीद का सूरत-ए-हाल जानने गोला मंडी पहुंचे डीएम, किसानों से लिया फीडबैक
Lakhimpur Kheri: डीएम ने भारतीय खाद्य निगम का क्रय केंद्र देखा, चल रही खरीद की प्रोग्रेस जानी।
Lakhimpur Kheri: डीएम महेंद्र बहादुर सिंह अचानक दोपहर गोला गोकर्ण नाथ पहुंचे (Gola Gokarna Nath) , जहां उन्होंने कृषि उत्पादन मंडी समिति गोला में स्थापित क्रय केंद्रों पर धान खरीद की जमीनी हकीकत जानी। निरीक्षण के दौरान एसडीएम गोला अविनाश चंद्र मौर्य (Gola Avinash Chandra Maurya) , एरिया मार्केटिंग ऑफिसर सुभाष चंद्र (Subhash Chandra) व मंडी सचिव मौजूद रहे।
सबसे पहले डीएम ने भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) का क्रय केंद्र देखा, चल रही खरीद की प्रोग्रेस जानी। केंद्र प्रभारी पवन कुमार सिंह से अब तक की गई खरीद की मात्रा, किसानों की संख्या (kisano ki sankhya) जानी। डीएम ने केंद्र प्रभारियों से धान खरीद की लोडिंग व अनलोडिंग की जानकारी लेकर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने मंडी में स्थापित केंद्रों पर अपना धान बेचने आए गेट नंबर 03 के किसान काबुल सिंह, ग्राम तिखड़ा के किसान राजकुमार व भिरावा के किसान मोहम्मद आसिफ से बातचीत कर जाना कि खरीद के दौरान उन्हें कोई असुविधा तो नहीं हुई। सभी किसानों ने कहा कि साहब, अब व्यवस्थाएं बेहतर हुई हैं। टोकन सिस्टम खत्म होने से किसानों को राहत है, उन्हें धान बेचने में कोई असुविधा नहीं हुई।
मौके पर मौजूद मंडी सचिव से नीलामी प्रक्रिया की जानकारी ली। मंडी सचिव ने बताया कि आज हुई नीलामी में अधिकतम बोली 1530 एवं न्यूनतम बोली 1400 लगाई गई। क्रय केंद्र पर खड़े छेदीपुर थरवरनपुर के किसान फेरूलाल से डीएम ने पूछा कि कोई दिक्कत। इस पर उसने बताया कि मेरा धान भीगा था, मंडी परिसर में सुखाने के बाद 50 कुंटल धान की खरीद हो गई। डीएम ने मंडी में स्थापित साधन सहकारी समिति गोला, सीएमएस गोला, एसएस गोला मंडी सहित सभी क्रय केंद्रों में खरीद की प्रगति जानकर मौजूद किसानों से फीडबैक लेते रहे।
इन दिए नंबरों पर बात कर समस्या कर सकेंगे दूर
डीएम ने बताया कि शासन की मंशानुरूप किसानों का मानकयुक्त धान न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद सुनिश्चित कराने हेतु सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। यदि किसी किसानों को धान बेचने में असुविधा (dhan bechne me asuvidha) हो तो वह उनके सीयूजी नंबर (Helpline Number) 9454417558 व 05872-252822, 252838 पर अपनी समस्या बताकर निदान करा सकता है। वहीं प्रत्येक केंद्र पर दो लेखपाल, एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भी लगाए गए हैं। उनका पूरा प्रयास है कि किसी भी किसान को धान बेचने में असुविधा ना हो। वहीं मानक विहीन धान की नीलामी प्रक्रिया के जरिए वाजिब मूल्य दिलवाने हेतु जरूरी निर्देश दिए हैं।