Lakhimpur Kheri News: अस्पताल में बोले मरीज- साहब, स्ट्रेचर नहीं नाव दिलवा दीजिए
लापरवाह सिस्टम के सामने अब जिम्मेदारों ने भी अपने घुटने टेक दिए हैं।
Lakhimpur Kheri News: लापरवाह सिस्टम के सामने अब जिम्मेदारों ने भी अपने घुटने टेक दिए हैं। इसी का नतीजा है कि करीब चार माह से जिला अस्पताल में बरसात का इतना गंदा पानी भरा है, जिसको लेकर मरीजों को अब स्टेचर नहीं बल्कि नाव की आवश्यकता है। जिम्मेदारों से जब इस समस्या को लेकर सवाल पूछा जाता है। तो उनके पास एक ही जवाब है। अस्पताल की पुरानी इमारतें तोड़ी जाएगी और यहां मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग बनेंगी। पुरानी बिल्डिंग कब टूटे और नई बने इसका कुछ पता नहीं है। इसलिए मरीज व उनके तीमारदार उसी गंदे पानी में गोते लगाने को मजबूर हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
करीब 44 लाख की आबादी वाला जिला इसी अस्पताल पर डिपेंड हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से जिले की सीमाएं नेपाल बार्डर तक जुड़ी हैं। इस लिहाज से काफी दूर दूर के मरीज यहां इलाज कराने आते है। उनके साथ में तीमारदार भी आते हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से करीब चार महीने से अस्पताल में बरसात का गंदा पानी भरा है।
मरीजों और तीमारदारों को उसी में होकर निकलना पड़ता है। सोमवार को हुई झमाझम बारिश से यह गंदा पानी जिला अस्पताल में बने वार्डों में भी घुसने लगा। जल निकासी की व्यवस्था न होने से जनरल वार्ड, आई वार्ड, सेफ्टिक वार्ड, मेडिकल वार्ड, कार्डियोलॉजी वार्ड, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड एवं कोविड टीका लगवाने जाने के लिए इसी गंदे पानी में होकर जाना पड़ता है।
पानी काफी समय से भरा है। तो इसमें दलदल भी हो गया है, जिसमें गिरकर कई बार मरीज व तीमारदार घायल भी हो चुके हैं। वार्डों के सामने जलभराव होने से अस्पताल में भर्ती मरीज व तीमारदार परेशान हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
गंदे पानी से बढ़ सकता है संक्रमण रोगों का खतरा
जिला अस्पताल में यह बरसात का गंदा पानी हर वर्ष बारिश के दिनों में भर जाता है जोकि बरसात के महीने गुजर जाने के बाद भी भरा रहता है। इससे जहरीले मछर भी पैदा हो रहे हैं। जिनसे संक्रमण रोगों का भी खतरा बना रहता है। उधर कीड़े मकोड़े भी पानी से निकल कर वार्ड में भर्ती मरीजों के पास पहुंच जाते हैं। भर्ती मरीजों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन जब तक नई बिल्डिंग नहीं बन रही है। तब तक पानी निकासी की ही व्यवस्था करा दे, जिससे हम लोगों को थोड़ी राहत मिल सके।
स्वास्थ्य मंत्री के सामने उठा था पानी का मुद्दा
अभी कुछ दिन पहले जिले के दौरे पर आए स्वाथ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के सामने अस्प\ताल में भरे गंदे पानी का मुद्दा उठाया गया था। मंत्री से लोगों ने अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए निवेदन किया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल की दयनीय हालत देखने के लिए नहीं गए थे। जिस पर लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की थी। हालांकि मंत्री ने पानी निकासी की व्यवस्था कराने की बात कही थी, लेकिन अभी तक पानी जस का तस भरा हुआ है।