SP vs Mahan Dal: अखिलेश ने केशव से वापस लिया लाखों का उपहार, चुनाव से पहले दिया था गिफ्ट

SP vs Mahan Dal: समाजवादी पार्टी और महान दल की राहें अब जुदा हो चुकी हैं, ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के द्वारा महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य दिया गया बेशकीमती गिफ्ट वापस मांग लिया गया है.

Update: 2022-06-11 06:59 GMT

अखिलेश यादव और केशव देव  (फोटों सोशल मीडिया)

SP vs Mahan Dal: समाजवादी पार्टी और महान दल की राहें अब जुदा हो चुकी हैं, ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के द्वारा महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य दिया गया बेशकीमती गिफ्ट वापस मांग लिया गया है. सपा कार्यालय से अखिलेश यादव के बेहद करीबी एक पूर्व एमएलसी ने केशव देव मौर्य को फोन कर वह कीमती उपहार वापस करने के लिए कहा. जिसके बाद केशव देव ने उसे वापस कर दिया है. बता दें 3 दिन पहले ही केशव देव मौर्य एमएलसी नहीं बनाने जाने से नाराज होकर सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा था उन्हें उनकी जरूरत नहीं है. दरअसल महान दल और सुभासपा के साथ मिलकर अखिलेश यादव ने 2022 का चुनाव लड़ा था. इन दोनों नेताओं को उम्मीद थी कि एक-एक सीट इन्हें एमएलसी की मिल सकती है लेकिन अखिलेश ने चारों सीटों पर सपा के प्रत्याशी उतारे हैं.

क्या था वह उपहार?

महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य को अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले एक लग्जरी कार गिफ्ट की थी. टोयोटा की फॉर्च्यूनर गाड़ी अखिलेश ने केशव देव मौर्य को प्रचार के लिए दिया था गिफ्ट किया था. लेकिन जब केशव मौर्य ने अपना रास्ता बदल लिया तो अखिलेश के सिपहसालारों ने उन्हें यह बताया कि क्यों ना उपहार को वापस मांग लिया जाए. लाखों का यह तोहफा अखिलेश की मंजूरी के बाद उनके एक करीबी पूर्व एमएलसी ने केशव देव मौर्य को फोन कर फॉर्च्यूनर गाड़ी वापस करने के लिए कहा. जिसके फौरन बाद उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा दी गई कार को वापस कर दिया है.

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सबसे पहले महान दल ने ही अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया था. उसके बाद ओपी राजभर, कृष्णा पटेल भी उनके साथ आए थे. अखिलेश ने अपनी पार्टी के टिकट पर केशव देव के बेटे और पत्नी को चुनाव लड़ाया था लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल सकी. अब उन्हें उम्मीद थी कि अखिलेश यादव जिस तरह से जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजा, निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस छोड़ कर आये कपिल सिब्बल का समर्थन उन्हें राज्य सभा का सांसद बना दिया.

उसी तरह एक सीट पर उन्हें एमएलसी बनाया जाये, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसके बाद उन्होंने गठबंधन को तोड़ लिया. केशव देव मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी निशाना साधा था. वहीं ओपी राजभर भी एमएनसी सीट न मिलने से नाराज बताए जा रहे थे लेकिन उन्होंने इसे बीजेपी और विपक्षी दलों का दुष्प्रचार बताकर सपा के साथ रहने की बात कही.

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