बाढ़ का कहर: चारों तरफ पानी-पानी, जान हथेली पर रखकर छात्राओं ने भरे बोर्ड के फॉर्म

जिलों में भीषण बाढ़ के कारण सभी स्कूलों को पिछले 10 हफ्ते से जिलाधिकारी के आदेश पर बंद कर दिया गया था। तीन-तीन दिन करके यह छुट्टियां बढ़ाई जा रही थी। मंगलवार (29 अगस्त) को स्कूलों में बोर्ड के फार्म भरवाए जाने थे। इस कारण  जिला प्रशासन ने स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया। 

Update: 2017-08-29 10:24 GMT

गोरखपुर : जिलों में भीषण बाढ़ के कारण सभी स्कूलों को पिछले 10 हफ्ते से जिलाधिकारी के आदेश पर बंद कर दिया गया था। तीन-तीन दिन करके यह छुट्टियां बढ़ाई जा रही थी। मंगलवार (29 अगस्त) को स्कूलों में बोर्ड के फॉर्म भरवाए जाने थे। इस कारण जिला प्रशासन ने स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया।

वही स्कूल प्रबंध और अभिवावकों को यह चिंता थी कि ज्यादातर स्कूलों में परीक्षा चल रही थी उनका क्या होगा। जहां परीक्षाएं नहीं थी वहां यह भी चिंता थी कि कोर्स कैसे पूरा होगा।

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कोई व्यवस्था नहीं

ऐसे में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिए एक नई मुसीबत सामने आई। उनके आने-जाने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बोर्ड की परीक्षा का फार्म कैसे भरेंगे। वहीं कुछ छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर विद्यालय पहुंचकर बोर्ड फॉर्म भरा। वहीं बोर्ड एग्जामिनेशन के फॉर्म को भरवाना भी एक बड़ी जिम्मेदारी थी। जिसको ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने मंगलवार 12वीं तक के स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया। वहीं जिला प्रशासन ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से आने वाले स्कूली बच्चों को आने-जाने की कोई व्यवस्था मुहिया नहीं कराई है।

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क्या कहना है छात्रों का?

ऐसे में स्कूली बच्चे बड़े दिक्कतों के साथ अपने-अपने स्कूल पहुंच रहे हैं। कुछ छात्र बोर्ड के फॉर्म को भरकर चैन की सांस ले रहे हैं। वहीं बच्चों का कहना है कि 'गांव के चारों तरफ पानी ही पानी है जिससे घर से बाहर निकलने में भी डर लग रहा है। ऐसे में हम लोगों को बोर्ड के फॉर्म भरना भी जरुरी है। उनका कहना है कि बड़ी मुश्किलों से हम लोग घर से निकलकर किसी तरह बड़ी मुश्किल से कई किलोमीटर तक का सफर तय कर स्कूल पहुंच रहे हैं।'

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