Sitapur News: नैमिषारण्य की 84 कोसी परिक्रमा शुरू, प्रथम पड़ाव की तरफ निकले परिक्रमार्थी

Sitapur News: सर्वप्रथम श्रद्धालुओं ने चक्र तीर्थ में स्नान कर शक्तिपीठ ललिता देवी मंदिर में माथा टेककर गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।;

By :  Sami Ahmed
Update:2025-03-01 11:40 IST

नैमिषारण्य की 84 कोसी परिक्रमा शुरू   (photo; social media )

Sitapur News: सीतापुर के नैमिषारण्य की 84 कोसी परिक्रमा आज से प्रारंभ हो गई है। परिक्रमा अपने प्रथम पड़ाव कोरोना द्वारकाधीश के दर्शन के लिए मध्य रात्रि से निरंतर चल रही है। हजारों साधु संत महामंडलेश्वर श्रद्धालु रथों पर सवार होकर, पैदल चलकर व अपने वाहनों से परिक्रमा पथ पर पड़ाव की ओर धर्म ध्वजा थामें बढ़ते नजर आए।

सर्वप्रथम श्रद्धालुओं ने चक्र तीर्थ में स्नान कर शक्तिपीठ ललिता देवी मंदिर में माथा टेककर गंतव्य की ओर प्रस्थान किया। प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग के गेट पर साधु संतों का पूजन किया व माल्यार्पण भी किया। नगर पालिका की तरफ से संतों व श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई। परिक्रमा में व्यास पीठ के पीठाधीश्वर अनिल कुमार शास्त्री अपने तीन दिव्य रथों के साथ परिक्रमा कर रहे हैं। इन रथों में भगवान वेदव्यास, भगवान राम दरबार और महर्षि दाधीच की प्रतिमाएं परिक्रमा में आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।


नैमिषारण्य की 84 कोसी परिक्रमा

बता दें कि नैमिषारण्य की 84 कोसी परिक्रमा सतयुग से निरंतर फाल्गुन मास की प्रतिपदा को होती चली आई है। इस परिक्रमा को सर्वप्रथम महर्षि दाधीच ने अपनी अस्थियां दान करने से पहले किया था। त्रेता युग में भगवान राम ने अपने परिवार के साथ नैमिष की 84 कोसी परिक्रमा की थी। तब से इस परिक्रमा को रामा दल भी कहा जाता है। पुराण के अनुसार जो मनुष्य नैमिष की 84 कोसी परिक्रमा करता है उसे 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही शासन-प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं समुचित व्यवस्थाएं की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, इस परिक्रमा में हिंदू मुस्लिम की एकता की मिसाल देखने को मिली। मुसलमानों ने पुष्प वर्षा व फल देकर साधु संतों का स्वागत सत्कार किया।



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