Kalashnikov AK-203 Rifle: अब देशी होगी एके-203 कलाशनिकोव, विदेशी रायफल की तुलना में ये बड़ी खासियत
Kalashnikov AK-203 Rifle: उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के कोरवा आयुध कारखाने में 6 लाख से अधिक कलाशनिकोव एके-203 राइफल बनाने का काम शुरु हो गया है।
Kalashnikov AK-203 Rifle: भारतीय सेना के जवानों को बहुत ही जल्द आधुनिक असॉल्ट राइफलें मिलने वाली है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के कोरवा आयुध कारखाने में 6 लाख से अधिक कलाशनिकोव एके-203 राइफल बनाने का काम शुरु हो गया है। कलाशनिकोव एके-203 राइफलों का पहला बैच बनकर तैयार हो गया है। 5,124 करोड़ रुपये में 10 साल की अवधि में निर्मित होने वाली कुल 6,01,427 राइफलों में से 5,000 एके -203 राइफलों की पहली खेप मार्च तक भारतीयसेना को सौंप दी जाएगी। भारतीय सेना को एके-203 राइफल मिलने के बाद भारत में इंसास का उपयोग बंद कर दिया जाएगा, या फिर उपयोग बहुत कम कर दिया जाएगा, कयोंकि इंसास के मुकाबले एके-203 काफी बेहतर और आधुनिक राइफल है।
एके-203 और इंसास में अंतर
एके-203 राइफल इंसास से छोटी और काफी हल्की है। इंसास बिना मैगजीन और बेयोनेट के भी 4.15 किलोग्राम की है, जबकि एके 203 का वजन 3.8 किलो ग्राम है। इंसास की लंबाई 960 मिमी है,जबकि एके-203 केवल 705 मिमी है। इसीलिए कई माइनों में इंसास से एके-203 बेहतर है। एके-203 राइफल का वजन कम होने के कारण इस राइफल को लंबे समय तक उठाया जा सकता है।
एके-203 राइफल की खासियत
एके-203 राइफल में 7.62x39 मिमी की बुलेट लगती है, जो बहुत ज्यादा घातक है। इस राइफल की रेंज की यदि बात की जाए तो इसकी रेंज 800 मीटर तक है। यानी कि इस राइफल से दुश्मनों को काफी दूर से भी ढेर कर दिया जाएगा। इसके अलावा ये राइफल सेमी-ऑटोमैटिक मोड में काम करती है। एके 203 राइफल एक मिनट में 600 गोलियां दाग सकती है। एके 203 में 30 राउंड की मैगजीन लगती है।
जनरल मनोज पांडे के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना को अगले 32 महीने में 70,000 एके-203 राइफल मिल जाएंगी। जिनमें 70 फीसदी स्वदेशी उपकरण लगे होंगे। इसके बाद मिलने वाली बाकी खेप को पूरी तरह से भारत में निर्मित किया जाएगा, जिसमें लगने वाला एक-एक पुर्जा भारत में ही बनाया जाएगा। बता दें कि रूस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्टरी में एके-203 राइफलों का निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 मार्च, 2019 को इस योजना का औपचारिक उद्घाटन किया था।