Sonbhadra: बालू-गिट्टी लदी ट्रकों की रिलीजिंग में बड़ा खेल, फर्जी रिलीज ऑर्डर पर छुड़ा ली गईंं कई ट्रकें
Sonbhadra News Today: फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहनों का छोड़े जाने का खेल का खुलासा सबसे पहले newstrack.com ने किया था। इसके बाद से लगातार खुलासे जारी हैं।
Sonbhadra News Today: सोनभद्र जिला स्थित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय का फर्जी रिलीज आर्डर बनाकर वाहनों के छुड़ाने वाले रैकेट के तार अदालत के आदेश पर छूटने वाले वाहनों तक जा पहुंचे हैं। सत्यापन के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें वाहन छोड़ने का ब्यौरा विभागीय रिकर्ड में तो दर्ज है, लेकिन अदालती दस्तावेजों में उसका कोई जिक्र नहीं है।
खुद आरटीओ प्रवर्तन राजेश वर्मा की तरफ से पकड़ी गई इस गड़बड़ी के बाद, परिवहन निदेशालय (Directorate of Transport) तक हड़कंप मच गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जहां, उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र वाराणसी अशोक कुमार सिंह की तरफ से अदालत में अदा किए जाने वाले जुर्माने की प्रविष्टि के आधार पर छोड़े जाने वाले वाहनों के रिलीजिंग के विस्तृत सत्यापन के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। वहीं, विभाग की तरफ से सीधे छोड़े जाने वाले वाहनों के भी सत्यापन का कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं।
newstrack.com ने सबसे पहले किया था खुलासा
बताते चलें कि फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहनों का छोड़े जाने का खेल का खुलासा सबसे पहले newstrack.com ने किया था। इसके बाद से लगातार खुलासे जारी हैं। बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े को देखते हुए एक अप्रैल 2020 से जुलाई 2022 तक छोड़े गए सभी वाहनों का थानावार सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए यात्री-मालकर अधिकारी मिर्जापुर राजकुमार, वाराणसी के माल-यात्री कर अधिकारी मिथिलेश कुमार और सोनभद्र के संभागीय निरीक्षक प्राविधिक आलोक कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बारीक मिलान पर हुआ खुलासा
अभी विभागीय स्तर पर छोड़े गए वाहनों के जिले के सभी थानों से सत्यापन का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया था कि इस बीच गत 25 अगस्त को संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन मिर्जापुर राजेश वर्मा की तरफ से न्यायालय में जमा होने वाले जुर्माने के आधार पर छोड़े जाने वाले वाहनों का सूक्ष्म मिलान किया। इस मिलान में पता चला कि विभागीय रिकॉर्ड में कई ऐसी रसीदों का अंकन है, जिसका कोर्ट में कहीं कोई जिक्र नहीं है। न्यायालय में बगैर जुर्माना जमा हुए, फर्जी रिलीज आर्डर पर, वह भी विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज रसीदों के आधार पर, थानों में बंद पड़े वाहनों को छुड़ाने का खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया।
टीम को सत्यापन की जिम्मेदारी
इसको लेकर उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र वाराणसी अशोक कुमार सिंह की तरफ से एक निर्देश भी जारी किया गया है जिसमें इस तरह के फर्जीवाड़े का स्पष्ट जिक्र तो किया ही गया है, पूर्व में गठित की गई तीन सदस्यीय टीम को ऐसे मामलों के भी सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है। निर्देशित किया गया है कि 15 दिन के भीतर ऐसे सभी वाहनों का सत्यापन और न्यायालयीय रिकर्डों से मिलान कर उसकी रिपोर्ट भेजे।
बगैर मिलान न छोड़े जाएं वाहन, निर्देश जारी
आरटीओ राजेश वर्मा ने फोन पर बताया कि, अदालत में जुर्माना जमा करने के बाद छूटने वाले वाहनों के रिलीज आर्डर में फर्जीवाड़े को देखते हुए, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही तीनों जिलों में मिलान के बाद ही वाहनों को अवमुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल सोनभद्र में जो गड़बड़ी सामने आई है, उसका सूक्ष्म मिलान किया गया है। इसकी विस्तृत जांच कराई जा रही है। इसमें जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ एफआईआर सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी। अदालतों में जमा होने वाले जुर्माने की जानकारी, उसी दिन ऑनलाइन अपलोड हो, इसके लिए संबंधितों से वार्ता की जा रही है।
पूर्वांचल के कई जिलों तक फैला मिल सकता है तार
सूत्रों की मानें तो फर्जी रिलीज आर्डर, चाहे सीधे विभागीय स्तर पर छोड़े जाने वाले वाहनों का मामला हो या फिर न्यायालय में जुर्माना जमा होने के बाद छूटने वाले वाहनों का मामला हो, सभी में फर्जीवाड़े से जुड़े रैकेट के तार पूरे पूर्वांचल में फैले होने की आशंका जताई जा रही है। वाराणसी को इसका केंद्र बताया जा रहा है। मामले को लेकर दर्ज कराई एफआईआर को लेकर पुलिस भी जांच कर रही है। कहा जा रहा है कि अगर मामले की गहनता से जांच की गई है सोनभद्र की तरफ और जिलों में इस तरह के कई मामले आ सकते हैं।
भदोही में पकड़ा गया मिर्जापुर थाने में बंद ट्रक
मिर्जापुर थाने में बंद कराया गया एक ट्रक भदोही में पकड़े जाने की जानकारी रविवार को सामने आई। खबर मिलते ही हड़कंप मच गया। सक्रिय हुई पुलिस ने वाहन सहित चालक को कब्जे में लिया। उधर, आरटीओ राजेश वर्मा ने बताया कि अब देखना होगा कि कहीं यह मसला भी फर्जी रिलीज ऑर्डर के मामले से तो जुड़ा नहीं, इसकी जांच कराई जा रही है।