Sonbhadra News: दुद्धी की पूर्व विधायक रूबी का जाति प्रमाण पत्र करें निरस्त, शासन का डीएम को निर्देश

Sonbhadra News: शासन के समाज कल्याण अनुभसाग-एक की तरफ से जारी आदेश में पूर्व विधायक के साथ ही, संबंधित तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए डीएम को निर्देशित किया गया है।

Published By :  Monika
Update: 2022-05-18 08:33 GMT

दुद्धी की पूर्व विधायक रूबी (photo: social media ) 

Sonbhadra News: दुद्धी की पूर्व विधायक रूबी प्रसाद (Ruby Prasad) को तहसील दुद्धी से जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र (caste certificate) को शासन की तरफ से निरस्त करने का निर्देश जारी किया गया है। यह कार्रवाई एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान की शिकायत पर तीन सदस्यीय राज्य स्तरीय कमेटी की तरफ से की गई जांच और उसकी संस्तुति के आधार पर की गई है।

बुधवार को इसको लेकर एक मेल भी जिला प्रशासन को प्राप्त हो गया। शासन के समाज कल्याण अनुभसाग-एक की तरफ से जारी आदेश में पूर्व विधायक के साथ ही, संबंधित तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए डीएम को निर्देशित किया गया है।

अनुसूचित अशोक कुमार यादव की तरफ से डीएम, समाज कल्याण अधिकारी, एसडीएम दुद्धी, तहसीलदार दुद्धी सहित अन्य को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि मामले में एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान की तरफ से गत एक फरवरी को शिकायत की गई थी कि अभिलेखों में धोखाधड़ी करके रूबी प्रसाद पुत्री सुबोध सिंह निवासी वसुदेवा, समस्तीपुर, बिहार ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है। इसको लेकर राज्य स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की आखिरी बैठक 18 अप्रैल को बुलाई गई, जिसमें शिकायतकर्ता, आरोपी के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित हुए। इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों और इस मामले में पूर्व में की गई शिकायत, हुई जांच, आए निर्णय आदि का परिशीलन किया गया।

कमेटी की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में तहसीलदार दुद्धी ने रूबी के मूल स्थान जाकर की गई जांच की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। इसके अनुसार रूबी की जाति राजपूत होने की जानकारी दी गई। वहीं रूबी प्रसाद का कहना था कि उनके पिता अनुसूचित जाति के व्यक्ति हैं। शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार शिकायत किया जा रहा है जिसे सक्षम अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निस्तारित किया जा चुका है।

राज्य स्तरीय कमेटी ने जांच में मिले इन तथ्यों को बनाया आधार

दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य, तहसीलदार की रिपोर्ट तथा मूल स्थान पर जांच अधिकारी सतर्कता प्रकोष्ठ की तरफ से भी की गई जांच के परिप्रेक्ष्य में राज्य स्तरीय कमेटी ने पाया कि सुबोध सिंह पुत्र रघू सिंह ने पूछताछ में बयान अंकित कराया है कि उनकी जाति राजपूत है व सामान्य वर्ग के अंतर्गत आते हैं। उनके दो पुत्र व एक पुत्री है। बीस वर्षों से रूबी के साथ उनका कोई संबंध नहीं है। पुत्री रूबी सिंह को को खानदान से बेदखल कर दिया गया है। पूछने पर बताया गया कि पहले यूपी, सोनभद्र में थी अब पता नहीं है। जांच अधिकारी द्वारा मौके पर रूबी सिंह की फोटो उसके पिता सुबोध तथा उसके भाई अमित सिंह को दिखाई गई। फोटो देखकर उनके द्वारा बताया गया कि यह रूबी सिंह है। अमित ने फोटो सत्यापित की। सुबोध सिंह व रूबी सिंह की फोटो जांच आख्या के साथ उपलब्ध कराई गई है। कमेटी की तरफ से भी यह उल्लेख किया गया है कि गोपनीय पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया कि रूबी सिंह जाति की राजपूत हैं और सामान्य वर्ग से आती हैं। ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि रूबी सिंह यूपी में अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर वर्ष 2012 में विधायक चुनी गई थीं।

सतर्कता प्रकोष्ठ ने अररिया में जाकर की मामले की जांच

निर्देश में उल्लिखित है कि रूबी प्रसाद द्वारा किए गए दावे, जिसमें उन्होंने सुबोध राम निवासी हासा पोस्ट व तहसील राजनीगंज, जिला अररिया, बिहार की पुत्री होना बताया गया है.. के संबंध में मौके पर जांच अधिकारी सतर्कता प्रकोष्ठ को भेजकर जांच कराई गई। पूछताछ में सुबोध राम ने बताया कि उनकी लड़की रूबी देवी का यूपी में कोई फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर उसका दुरूपयोग कर रहा है। तत्समय उनके द्वारा अपनी पुत्री रूबी देवी का तथा अपना शपथ पत्र. दिया गया था जिसकी छायाप्रति जांच अधिकारी को उपलब्ध कराई गई। शपथ पत्र में रूबी की उम्र 24 वर्ष होने, कोई जाति प्रमाणपत्र न बनवाने और विवाह कैलाश राम निवासी खरसाही, प्रखंड रानीगंज, जिला अररिया से किए जाने की बात उल्लिखित पाई गई।

उपरोक्त तथ्यों और तहसीलदार दुद्धी तथा जांच अधिकारी सतर्कता प्रकोष्ठ की तरफ से दी गई जांच रिपोर्ट के क्रम में प्रमुख सचिव समाज कल्याण तथ्टाा राज्य स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी के अध्यक्ष हिमांशु कुमार की अगुवाई वाली कमेटी ने रूबी प्रसाद पत्नी योगेश्वर प्रसाद निवासी म्योरपुर के पक्ष में जारी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने और उसे जब्ता करने की संस्तुति की है। वहीं डीएम को निर्देशित किया गया है कि वह बनवाए गए प्रमाणपत्र के संबंध में संबंधित अभ्यर्थी या यथास्थिति उसके माता-पिता या अभिभावक के विरूद्ध झूठा दावा करने के लिए अभियोजन की कार्रवाई करें। संबंधित राजस्व अधिकारी तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ विधिक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। की गई कार्रवाई से समिति को अवगत कराने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

झूठा है आरोप, एकपक्षीय तथ्यों पर की गई है कार्रवाई

पूर्व विधायक रूबी प्रसाद ने आरोपों को झूठा बताया है। कहा कि एकपक्षीय तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की गई है। जिन तथ्यों को आधार बनाया गया है, उस पर उन्हें पक्ष रखने का भी मौका नहीं दिया गया। बताते चलें कि रूबी 2012 में दुद्धी से निर्दल विधायक चुनी गई थी। उन्हें कांग्रेस का समर्थन था। बाद में उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का दामन पकड़ा।

अपीलीय अधिकारी की तरफ से किया जाएगा प्रमाणपत्र निरस्त

समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव ने जहां विभागीय मेल मिलने की पुष्टि की। वहीं तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव का कहना था कि चूंकि तहसीलदार के स्तर से प्रमाणपत्र जारी हुआ है। इसलिए उसको निरस्त करने की कार्रवाई अपीलीय अथारिटी द्वारा की जाएगी। उधर, इस बारे में डीएम चंद्रविजय सिंह से उनके सीयूजी नंबर और कार्यालय नंबर पर काॅल कर, इसको लेकर कही जा रही कार्रवाई के बारे में जानने का प्रयास किया गया लेकिन वह राज्यपाल से जुड़े कार्यक्रम में व्यस्त मिले।

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