Twin Tower Demolition: क्या होता है ब्लैक बॉक्स, जिसे ट्विन टॉवर को गिराने में किया जाएगा इस्तेमाल

Twin Tower Demolition: सुपरटेक ट्विन टॉवर के धराशायी होने में महज चंद घंटे शेष रह गए हैं। 100 मीटर से अधिक की ऊंचाई वाले इन टॉवरों को आज दोपहर 2.30 बजे 10 सेकेंड के भीतर जमींदोज कर दिया जाएगा।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-08-28 10:57 IST

सुपरटेक ट्विन टॉवर (फोटो- सोशल मीडिया)

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Supertech Twin Tower Demolition: नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन टॉवर के धराशायी होने में महज चंद घंटे शेष रह गए हैं। 100 मीटर से अधिक की ऊंचाई वाले इन टॉवरों को आज दोपहर 2.30 बजे (Supertech Twin Tower Demolition time) 10 सेकेंड के भीतर जमींदोज कर दिया जाएगा। इस टॉवर के विस्फोट की तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। सोसाइटी के आसपास रहने वाले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटा दिया गया है। अब ट्विन टॉवर के पास जाने की किसी को इजाजत नहीं है।

इस डिमोलिशन में सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होगी ब्लैक बॉक्स यानी डायनेमो को एक्टिवेट करने की। ब्लैक बॉक्स टॉवर्स को जमींदोज करने का ठेका लेने वाली एडिफिस इंजीनियरिंग के भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता(Indian blaster Chetan Dutta) के हाथों में होगी। वे 60 सेकेंड के भीतर ब्लैक बॉक्स के हैंडल को करीब 10 बार घुमाएंगे। हैंडल घुमाने के साथ एक लाल बल्ब ब्लिंक करने लगेगा। यह संकेत होगा चार्जर एक्टिवेट करन के लिए रेडी हो गया है।

इसके बाद चेतन दत्ता (Chetan Dutta) ब्लैक बॉक्स का हरा बटन दबाएंगे। बटन दबते ही इससे जुड़े तारों के लिए 4 डेटोनेटर तक करंट पहुंचेगा। इसके बाद अगले 10 सेकेंड में 32 मंजिला एपेक्स टॉवर और 29 मंजिला सियान टॉवर धराशायी हो जाएगा।

इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता(Chetan Dutta) एडिफिस इंजीनियरिंग (Edifice Engineering) के साछ लंबे समय से जुड़े हुए हैं। उनके पास बड़े – बड़े इमारतों और ढांचों को जमींदोज करने का 20 साल का अनुभव है।

क्या होता है ब्लैक बॉक्स
what is black box

हरियाणा के हिसार के रहने वाले भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता (Indian blaster Chetan Dutta) के कहे अनुसार, ब्लैक बॉक्स (black box) को डायनेमो (dynamo) कहा जाता है। इसमें दो तार होते हैं। वे डायनेमो से जुड़े होते हैं। डायनेमो को सक्रिय करने के लिए हैंडल को 10 से 15 बार घुमाना पड़ता है।

दत्ता बताते हैं कि उन्हें ही इस काम के लिए इसलिए चुना गया है क्योंकि भारतीय कानून (Indian law) के मुताबिक, विस्फोट को लेकर एक भारतीय ही बटन दबा सकता है। इसलिए मुझे टीम में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं इसको लेकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।


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