UP Politics: बेअसर साबित हुआ अखिलेश यादव का वादा, स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म पर फिर उगला जहर, बताया धोखा
UP Politics: अखिलेश यादव के इस वादे के बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू धर्म को लेकर फिर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
UP Politics: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की ओर से रविवार को ब्राह्मण महापंचायत में किया गया वादा 24 घंटे भी नहीं टिक सका। इस महापंचायत में अखिलेश यादव ने वादा किया था कि पार्टी नेताओं की ओर से धर्म और जाति को लेकर की जा रही टिप्पणियों पर रोक लगाई जाएगी। अखिलेश यादव के इस वादे के बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू धर्म को लेकर फिर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को एक बार फिर धोखा बताते हुए कहा कि जब वे इस तरह की टिप्पणी करते हैं तो लोगों की भावनाएं आहत हो जाती हैं मगर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत इस तरह की बात करते हैं तो किसी की भावनाओं को ठेस नहीं लगती। सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से रोक लगाए जाने के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य की इस टिप्पणी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है या नहीं।
हिंदू धर्म को फिर बताया धोखा
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पूर्व भी हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते रहे हैं जिसे लेकर सपा नेताओं का एक वर्ग काफी नाराज है। इसके बावजूद सोमवार को उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर फिर आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक धोखा है। वैसे भी सर्वोच्च न्यायालय ने 1995 में अपने एक आदेश में कहा था कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं बल्कि लोगों के जीवन जीने की शैली है। मौर्य ने कहा कि सबसे बड़े धर्म के ठेकेदार बनने वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक नहीं बल्कि दो बार कहा कि हिंदू धर्म नामक कोई धर्म नहीं है बल्कि यह जीवन जीने की कला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस तरह की बात कह चुके हैं जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने भी कुछ समय पूर्व इस तरह की टिप्पणी की थी। इन लोगों के कहने से लोगों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचती मगर जब स्वामी प्रसाद मौर्य इस बात को कहते हैं कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं बल्कि धोखा है तो लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचने लगती है।
भागवत-मोदी के बयान पर नहीं आता भूचाल
मिशन जय भीम के बैनर तले जंतर मंतर पर आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसे हम सभी हिंदू धर्म कहते हैं,दरअसल वह कुछ लोगों के लिए धंधा है। जब हम सच्चाई बताते हुए इसे कुछ लोगों के लिए धंधा बताते हैं तो देश में भूचाल आ जाता है। जब यही बात मोहन भागवत, पीएम मोदी और गडकरी की ओर से कही जाती है तो लोगों की भावनाएं आहट नहीं होती मगर मेरी टिप्पणी पर लोगों की नाराजगी दिखने लगती है।
अखिलेश यादव की नसीहत बेअसर
स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी ऐसी टिप्पणियां कर चुके हैं मगर उनकी यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि रविवार को ही अखिलेश यादव ने ऐसी टिप्पणियों पर रोक लगाने का वादा किया था। रविवार को ब्राह्मण महापंचायत के दौरान पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से हिंदू धर्म और धार्मिक ग्रंथों को लेकर की जा रही विवादित टिप्पणियों का मुद्दा भी उठा था। वक्ताओं का कहना था कि इससे समाज के एक बड़े वर्ग में सपा के प्रति नाराजगी पैदा हो रही है। इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अपने भाषण के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ऐसी विवादित टिप्पणियों को रोकने के लिए कदम उठाने का वादा किया था। सपा मुखिया ने कहा कि इस तरह के बयानों पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धर्म और जाति को लेकर कोई भी टिप्पणी न करने की नसीहत भी दी थी।
अब अखिलेश यादव के एक्शन पर सबकी निगाहें
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को किसी भी धर्म या ग्रंथ को लेकर विवादित बयानों से दूर रहने की हिदायत दी है। वे इस तरह की हिदायत पहले भी दे चुके हैं। हालांकि इसका ज्यादा असर नजर नहीं आया है। इस बार भी उनकी नसीहत बेअसर साबित हुई है। उनकी ओर से चेतावनी दिए जाने के दूसरे दिन ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को लेकर फिर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी है। इससे साफ हो गया है कि अखिलेश यादव की नसीहत का स्वामी प्रसाद मौर्य पर कोई असर नहीं पड़ा है।
पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी धर्म और जाति को लेकर ऐसे बयान देते रहे हैं जिससे सपा की किरकिरी होती रही है। अब उन्होंने अखिलेश यादव की नसीहत को नजरअंदाज करते हुए फिर हिंदू धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव की ओर से उनके खिलाफ कोई एक्शन लिया जाता है या नहीं।