UP Roadways Bus: अगर नहीं सुधरी परिवहन निगम की खटारा बसों की स्थिति तो सीधा नपेंगे अफसर, बोले मंत्री दयाशंकर सिंह

UP News Today: दयाशंकर सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा बसों की भौतिक दशा एवं साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2022-12-17 11:10 IST

राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह (photo: social media )

UP News Today: परिवहन निगम द्वारा चलाई जा रही बसों की स्थिति को लेकर लगातार उंगली उठने से उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम के अधिकारियों पर नाराजागी जताई। बसों का रख-रखाव एवं भौतिक दशा को सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा संचालित बसों की बॉडी कंडीशन, पेंट, अगली व पिछली विंड शील्ड, खिड़कियों के शीशे, फर्श की स्थिति, सीटों की दशा, डेस्टिनेशन बोर्ड, वांछित स्टीकर, राइटिंग कार्य, रिफ्लेक्टिंग टेप एवं साफ-सफाई इत्यादि की गुणवत्ता सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रदेश सरकार की मंशा यात्रियों को बेहतर एवं आरामदायक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की है।

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के निर्देश

दयाशंकर सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा बसों की भौतिक दशा एवं साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि बसों की भौतिक दशा सुनिश्चित किये जाने के निर्देश लगातार दिये जाते हैं। फिर भी अपेक्षित सुधार परिलक्षित नहीं हो रहे हैं। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को समय-समय पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। जिससे अन्य को इससे प्रेरणा मिले।

उन्होंने निर्देश दिये हैं कि अनुबंधित बसों के रख-रखाव तथा साफ-सफाई के सम्बंध में अनुबंधित वाहन स्वामियों को भी यथाचित निर्देश दिया जाय। जिससे कि अनुबंधित बसों के रख-रखाव व साफ-सफाई की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके।

वाहन स्वामियों पर लागेगा जुर्माना

परिवहन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित करें कि मार्ग पर जाने वाली सभी बसें साफ-सुथरी व अच्छी दशा में हों। अनुबंधित बसों में कमी पाये जाने पर बस स्वामी के खिलाफ पहली बार ₹100, दूसरी बार ₹500 और तीसरी बार ₹1000 अर्थदंड देना होगा। इसके उपरान्त प्रत्येक प्रकरण में 2000 रुपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।

ड्यूटी में लापरवाही पड़ेगी भारी

इसी प्रकार ड्यूटी क्लर्क की लापरवाही पाये जाने पर पहली बार ₹50, दूसरी बार ₹100 और तीसरी बार ₹200 इसके बाद प्रत्येक लापरवाही पर ₹500 का अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। वहीं, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की लापरवाही पर पहली बार ₹50, दूसरी बार ₹100 और तीसरी बार ₹200 का जुर्माना किया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक बार ₹500 का अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। दयाशंकर सिंह ने बताया कि निगम बसों के चालक, ग्रुप इंचार्ज, सीनियर फोरमैन, ड्यूटी क्लर्क, स्टेशन इंचार्ज, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों से सम्बंधित बसों में कमी पाये जाने पर ₹10 से लेकर ₹200 तक के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। विभिन्न स्तरों पर होने वाली जांच के आधार पर अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।

तय हुए नियम

परिवहन मंत्री ने बताया कि सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा स्वयं निरीक्षण किये जाने पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से कटौती नहीं होगी। ड्यूटी क्लर्क से कटौती की आवृत्ति उनके द्वारा माह में निर्गत की गयी ड्यूटी स्लिप से सम्बंधित बस में कमी पाये जाने के आधार पर निर्धारित होगी। ग्रुप इंचार्ज, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक से कटौती की आवृत्ति माह में उनसे सम्बंधित बसों, डिपो एवं क्षेत्र की बसों में कमी पाये जाने के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

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