UP Election 2022: जिन्ना, पाकिस्तान को लेकर फिर अखिलेश पर बरसे सीएम योगी, आखिर क्यों बार-बार घेर रहे

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं ऐसे में सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान और जिन्ना को लेकर अखिलेश यादव पर फिर हमला किया है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Krishna
Update:2022-01-28 19:16 IST

अखिलेश यादव | योगी आदित्यनाथ

UP Assembly Election: ध्रुवीकरण बनाम तुष्टीकरण की लड़ाई के लिए देश में सबसे उर्वर सियासी जमीन उत्तर प्रदेश की सियासी भूमि को माना जाता है। देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी यही रहती है। आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर एकबार फिर ये कवायद शुरू हो गई है। एक ऐसा देश जिसकी सीमा उत्तर प्रदेश से नहीं लगती वो यहां बड़ा मुद्दा बन रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के दो बयानों ने इस लड़ाई की भूमिका बांध दी। दरअसल मुस्लिम वोटों को एकजूट करने के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव ने हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) की तुलना महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), पंडित नेहरू और सरदार पटेल से कर दी। अखिलेश के इस कवायद को मुसलमानों की तुष्टीकरण से जोड़ कर देखा गया। वहीं दूसरा बयान उन्होंने एक साक्षात्कार में दिया, जिसमे उन्होंने पाकिस्तान के बजाय चीन को देश का नंबर वन दुश्मन बताया।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव से ऐन पहले बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा थमा दिया। और फिर यहीं से उत्तर प्रदेश चुनाव में जिन्ना और पाकिस्तान की एंट्री हुई। सीएम योगी बार बार अपने भाषणों में अखिलेश यादव को पाकिस्तान प्रेमी बताने से नहीं चुकते। इसी कड़ी में शुक्रवार को एक और ट्वीट कर उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा। सीएम योगी ने अपने ट्विट में कहा, वे जिन्ना के उपासक है, हम 'सरदार पटेल' के पुजारी हैं, उनको पाकिस्तान प्यारा है, हम मां भारती पर जान न्योछावर करते हैं '। योगी इस बयान के जरिए ध्रुवीकरण के लिए उपयुक्त सियासी जमीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने स्वयं को राष्ट्रवादी और अखिलेश को देश विरोधी घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले बीजेपी के तमाम नेता भी गृहमंत्री अमित शाह से लेकर संबित पात्रा तक अखिलेश के कथित जिन्ना और पाकिस्तान प्रेम को जोरशोर से उठा रहे हैं। सपा प्रमुख के तकरीबन तीन महीने पुराने बयान को बीजेपी खुब भूनाने की कोशिश कर रही है।

जिन्ना, पाकिस्तान जरूरी या मजबूरी

पांच सालों तक राज्य में सत्ता चलाने वाली भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) अपने किए गए कार्यों को भूनाने के बजाय जिन्ना, पाकिस्तान (Pakistan) वाले मसले को क्यों तूल दे रही है। दरअसल किसान आंदोलन के बाद वेस्य यूपी में जो समीकरण बना है और अखिलेश यादव ने जिस चतुराई से जाट मुस्लिम को एक करने की रणनीति बनाई उसने बीजेपी को उसके ध्रुवीकरण वाले एजेंडे पर वापस आने के लिए मजबूर कर दिया है। वेस्ट यूपी के तकरीबन सभी सीटों पर असर रखने वाला जाट अगर बीजेपी से बिदकता है तो उसके लिए लखनऊ का रास्ता मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में बीजेपी के लिए ध्रुवीकरण ही एकमात्र शस्त्र बचा है जिसके जरिए अखिलेश के इस चक्रव्यूह को भेद सकती है। यही वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने सबसे बड़े विरोधी को पाकिस्तान प्रेमी साबित करने पर तुले हुए हैं। बीजेपी को इन मुद्दों से कितना फायदा पहुंचता है ये फिलहाल भविष्य के गर्भ में है।

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