गोरखपुर: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज नवरात्रि के पहले दिन गोरखनाथ मंदिर में कलश स्थापना की। इसके साथ ही नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि अनुष्ठान का विधिवत शुभारंभ किया ।
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शारदीय नवरात्रि का गोरखनाथ मंदिर के लिए खास महत्व है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैल पुत्री रूप की पूजा हुई। श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ के बाद वेद मंत्रोच्चार के बीच अनुष्ठान सम्पन्न कराया गया। इसके बाद मन्दिर परिसर में एक भव्य कलश यात्रा निकली। जिसमें तमाम साधु सन्यासी, संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य और वेदपाठी विद्यार्थी शामिल थे।
कलश स्थापना के लिये भीम सरोवर से जल लाया गया। मठ में स्थित मां दुर्गा के मन्दिर में कलश पूजन और स्थापना के साथ सिद्धपीठ में स्थापित तीर्थों की, शंख, चक्र, त्रिशूल आदि की पूजा की गई। पंच लोकपाल, क्षत्रपाल, नवग्रह वरूण, गौरी गणेश और स्थापित देव विग्रहों की पूजा भी हुई।
यह क्रम प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक चलेगा। शारदीय नवरात्र में अष्टमी को महानिशा पूजन शाम छह बजे और नवमी को कुमारी कन्या पूजन मध्याह्न 12 बजे सम्पन्न होगा।
30 सितम्बर को विजयदशमी पर मुख्य मंदिर में श्रीनाथ की पूजा सुबह नौ बजे से होगी। यह पूजा खुद गोरक्षपीठाधीश्वर सम्पन्न करायेंगे। अपराह्न एक बजे से तीन बजे तक श्रद्धालुजनों द्वारा गोरक्षपीठाधीश्वर का तिलकोत्सव कार्यक्रम होगा। शाम 4 बजे एक भव्य शोभा-यात्रा के साथ गोरक्षपीठाधीश्वर गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर मंदिर पहुंचकर वहां भगवान शिव का अभिषेक करेंगे। इसके बाद रामलीला मैदान में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का राजतिलक होगा।
शोभा-यात्रा के गोरखनाथ मन्दिर में वापस आने पर श्रद्धालुजनों, ब्राह्मणों और निर्धनों के लिए बृहद भण्डारे का आयोजन होगा योगी अष्टमी के दिन शस्त्र पूजन करते जिसमें मंदिर से जुड़े खास लोग ही शामिल हो सकते हैं। नवमी के दिन योगी हवन-पूजन के बाद 9 कुवांरी कन्याओं और एक भैरव का पांव धोकर पूजन करते थे। सभी को प्रेम से भोजन करा दक्षिणा देकर विदा करते थे।
दशमी के दिन विशेष परिधान में करते हैं पूजा योगी दशमी के दिन सुबह बाबा गुरु गोरक्षनाथ की विशेष परिधान (सैलीसिम) में पूजा करते थे। शाम को 4 बजे मंदिर से शोभायात्रा निकलती थी। हजारों सेवकों के साथ करीब एक किमी दूरी तय कर मानसरोवर मंदिर भगवान शिव की पूजा करते थे। अंधियारीबाग रामलीला मैदान पहुंचते और राम दरबार की आरती करने के बाद लोगों को संबोधित करते थे। इसके साथ ही रामलीला की शुरूआत हो जाती थी। योगी आदित्यनाथ भवन में पारण करते और एकादशी की सुबह से पुन: नियिमत दिनचर्या में आ जाते थे। इन नौ दिनों में भवन के प्रथम तल पर कुछ खास लोग ही आते-जाते थे।
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मंदिर के मैनेजर द्वारिका तिवारी और कुछ अन्य लोग तय करते कि योगी आदित्यनाथ से कौन मिलेगा। पहले उसके नाम की पर्ची अंदर जाती फिर बुलावा आने पर मुलाकात।
योगी इन नौ दिनों में योगी फलाहार भोजन करते थे। सुबह के समय दूध या मट्ठा, दिन में सूखा मेवा और फल ग्रहण करते हैं। शाम के समय सूखा फल, फल, दूध, सिंघाड़े के आटे का बना हलवा, बकला की दाल, तिन्नी का चावल, फाफड़े की रोटी आदि का सेवन करते हैं।