UP Election 2022: राजनीतिक दलों ने वर्चुअल रैली के लिए कमर कसी, आईटी सेल अलर्ट किए गए

UP Election 2022: कोरोना के कहर को देखते हुए भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रैलियां कैंसिल कर दी हैं। सारे दलों ने वर्चुअल रैलियां करने की योजना बनाई है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-01-06 06:09 GMT

रैली (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Election 2022: कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रैलियां कैंसिल कर दी हैं। सारे दलों ने वर्चुअल रैलियां करने की योजना बनाई है। इसके लिए इन दलों ने अपने आईटी सेल को और सक्रिय होने को कहा है।

डिजिटल प्लेटफार्म के मामले में सबसे आगे भाजपा चल रही है जिसके पास अलग से आईटी सेल है और दर्जनों युवा कार्यकर्ता दिन रात काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी अपने आईटी सेल को सक्रिय कर दिया है।

मोदी-योगी ने रद्द की रैली

भाजपा ने बूथ स्तर तक सोशल मीडिया के तीन लाख प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की टीम तैनात कर दी है। आईटी सेल का दावा है कि तीन लाख से ज्यादा प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की है।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लखनऊ रैली और योगी आदित्यनाथ ने अपने नोएडा दौरे को रद्द कर दिया। वहीं अखिलेश यादव ने अपनी विजय यात्रा को रद्द कर दिया है। उन्होंने गोंडा बस्ती तथा अयोध्या में होने वाली अपनी रैलियों को रद्द कर दिया है।

हर दल में आईटी सेल के कार्यकर्ता हुए सक्रिय

भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सोशल मीडिया सेल में वार रूम बन के तैयार है। यही नहीं सभी जिला कार्यालयों में वर्चुअल रैली का सेटअप तैयार हो गया है। यूपी में विधानसभा चुनावों के लिए अब डिजिटल रैलियां करने का भी निर्णय ले चुकी है।

भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया सेल ने डेढ़ लाख लोगों की ई रैली की तैयारियां कर ली हैं। वहीं समाजवादी पार्टी कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है। आईटी सेल के कार्यकर्ताओं से इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है।

भाजपा पहले भी कर चुकी है वर्चुअल रैली का उपयोग

भाजपा का प्रदेश से लेकर जिलों तक वर्चुअल बैठक और मल्टीपल कॉन्फ्रेंस के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से ही तैयार है। इसके पहले वह पष्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस तरह का प्रयोग वह कर चुकी है। इस बार भी उत्तर प्रदेष चुनाव के लिए भाजपा बैठकों, वेबिनार और ई-रैली के लिए खास सॉफ्टवेयर भी भाजपा के तैयार करवा लिए हैं। थ्री -डी स्टूडियो मिक्स तकनीकी का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। इस तकनीकी से दो अलग अलग जगह बैठे नेताओं को एक पोडियम पर दिखाया जा सकेगा।

घंटी बजते ही रैली शुरू होने की मोबाइल पर आता है अलर्ट

भाजपा समेत अन्य दलों ने ऐसी व्चवस्था की है जिसके तहत मोबाइल पर घंटी बजते जनसभाओं को लोग अपने मोबाइल पर देख सकेंगे। मगर अब सोशल मीडिया एक बड़ा माध्यम प्रचार का बनकर सामने आया है। उधर, निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए भी टीम बनाई है जिसने अपना काम शुरु कर दिया है।

क्या होती है वर्चुअल रैली

इसमें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक हजार लोगों को जोड़ सकते है। वेबिनार के माध्यम से करीब 50 हजार लोगों को एक जोड़ सकते हैं। इसके लिए एक सेटअप तैयार किया जाता है। ई-रैली के लिए खास तरह का सॉफ्टवेयर बनाया जाता है, जिससे कुछ मिनटों में ही बड़े से लेकर छोटा कार्यकर्ता एक ही प्लेटफार्म पर जोड़ा जा सकता है।

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