UP Election 2022: 'प्रेशर पॉलिटिक्स' कर सत्ता का रास्ता खोज रहे हैं ओमप्रकाश राजभर

UP Election 2022: बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाष राजभर ने गठबन्धन को लेकर चर्चा की। इसका बाकायदा वीडियो भी जारी किया गया पर न तो संयुक्त प्रेस कांफ्रेस हुई और न ही सीटों को लेकर कोई घोषणा हुई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी गठबन्धन पूरी तरह से तय नहीं हो पाया है।

Published By :  Shreya
Update: 2021-10-21 06:30 GMT

अखिलेश यादव से मुलाकात करते ओमप्रकाश राजभर (फोटो साभार- ट्विटर)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति (UP Politics) में बडे़ दल सत्ता पाने के लिए अपनी चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं। वहीं छोटे दल सत्ता में साझेदार बनने के लिए तरह तरह की जुगत लगाने में जुटे हुए हैं। छोटे दलों की कोशिश है कि भाजपा (BJP), समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party), कांग्रेस (Congress) अथवा बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) में किस दल का हमसफर बनने से उसे चुनावी लाभ मिल सकता है। इस दौड़ में सबसे आगे पूर्वांचल की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) है।

अब तक वह यह नहीं तय कर पाए हैं कि उनके लिए कौन सा दल मुफीद रहेगा। जिसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना बेहतर रहेगा। यही कारण है कि वह पिछले एक साल से कभी सपा (SP) तो कभी भाजपा (BJP) के साथ आने की बात कहते आ रहे हैं। अब सबकी निगाह 27 अक्टूबर को होने वाली रैली पर है। जिसमें ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। 

अखिलेश यादव से गठबंधन पर हुई चर्चा 

यूपी के पिछड़े खासकर राजभर समाज में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी का गठन (SBSP Ka Gathan) 27 अक्टूबर, 2002 को ही किया था। बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाष राजभर ने गठबन्धन को लेकर चर्चा की। इसका बाकायदा वीडियो भी जारी किया गया पर न तो संयुक्त प्रेस कांफ्रेस हुई और न ही सीटों को लेकर कोई घोषणा हुई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी गठबन्धन पूरी तरह से तय नहीं हो पाया है।

कभी ओम प्रकाश राजभर भाजपा से मिलने की बात करते हैं तो कभी भाजपा को निशाने पर रखकर उसकी सख्त विरोधी असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात करते हैं। हाल ही में उन्होंने भाजपा (BJP) के साथ जुड़ने की बात कहकर छोटे दलों के लिए गठित हुए भागीदारी संकल्प मोर्चा (Bhagidari Sankalp Morcha) के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। राजभर ने कहा कि जो भी पार्टी इन मांगों पर समझौता करना चाहेगी। इसके लिए वह तैयार हैं। 

भाजपा के साथ कर चुके हैं गठबंधन

बतातें चले कि पिछले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav) में ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा के साथ गठबंधन (Om Prakash Rajbhar-BJP Alliance) किया। पूर्वांचल की आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें चार सीटों पर सुभासपा ने जीत भी हासिल करने के बाद भाजपा के साथ सत्ता में शामिल हुए। यह पहला मौका था जब 15 साल बाद पहली बार पार्टी ने 2017 के चुनाव में कोई सीट जीती थी।

ओमप्रकाश राजभर की मानें तो 100 सीटों पर राजभर समाज के वोट हार जीत तय करने की क्षमता रखते हैं। इनमें वाराणसी की पांच, आजमगढ़ की 10, जौनपुर की 9, बलिया की 7, देवरिया की 7 और मऊ की चार सीटों पर राजभर वोटरों की अच्छी तादाद है। राजभर की मानें तो यूपी की 66 सीटों पर 40 से 80 हजार और 56 सीटों पर 25 से 39 हजार तक राजभर वोट हैं। 

भाजपा का सफाया करने की कही बात

उल्लेखनीय है कि इसके पहले ओमप्रकाश राजभर भागीदारी संकल्प मोर्चा भी गठित कर चुके हैं। जिसमें बाबू सिंह कुशवाहा, बाबूराम पाल, प्रेमचंद प्रजापति, रामसागर बिंद, कृष्णा पटेल आदि शामिल हैं। इसके पहले ओमप्रकाश राजभर कह चुके हैं कि यदि अखिलेश यादव उनके साथ आ जाए तो वह भाजपा को पूरी तरह से साफ कर देंगे। लेकिन कुछ दिनों बाद जब वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मिले तो कहने लगे कि भाजपा उनकी पार्टी की मांगों को पूरा कर सकती है। 

ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि आगामी 27 अक्टूबर को मऊ (Mau) में एक महापंचायत (Mahapanchayat) करने जा रहे हैं, जिसमें दलित कमजोर व शोषित समाज के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जो भी इस वर्ग की मदद करने का वादा करेगा। पार्टी उसी के साथ चलेगी। मोर्चा ने तय किया है जो भी पार्टी मुद्दों पर समझौता करेगी वह साथ आएगी। इसकी घोषणा बड़ी पंचायत के दौरान कर दी जाएगी।

साथ ही वह गठबंधन को लेकर भी स्थिति इसी तारीख को साफ कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दों के साथ जो पार्टी होगी, हम उसका साथ देंगे। हम पूरे प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी, मुफ्त शिक्षा, न्याय समिति रिपोर्ट की सिफारिश लागू करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, जो भी इस मुद्दे पर हमारे साथ हैं, उन सबका स्वागत है। 

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News