UP Election 2022: अम्बेडकरनगर में बसपा के दुर्ग पर आखिर किसका होगा कब्जा, इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा दिलचस्प

UP Election 2022: बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा अंबेडकर नगर जनपद (Ambedkar Nagar District) की स्थापना की गई थी सियासी तौर पर अम्बेडकरनगर बसपा का गढ़ माना जाता है। इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला दिलचस्प होगा।

Newstrack :  Network
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-03-05 17:38 IST

अम्बेडकरनगर: Photo - Social Media

Ambedkarnagar News: विधानसभा चुनाव 2017 (assembly election 2017) में भाजपा (BJP) की आंधी में बसपा (BSP) का दुर्ग ध्वस्त नहीं हुआ लेकिन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पूरी तरीके से साफ हो गई थी । इस बार बसपा अपना दुर्ग बचा पाएगी या नहीं ,अगर बात करें समाजवादी पार्टी की जो समाजवादी पार्टी फिर से जिले की सीटों पर 2012 के किस्से दोहराने का बाजार गर्म है, और चर्चा का विषय बना हुआ है । 2017 में हुए विस चुनाव में भाजपा लहर में यहां पर महज 2 सीटों पर भाजपा अपना खाता खोल सकी थी जिसके लिए भी चुनाव बहुत महत्वपूर्ण था।

1995 में बसपा सुप्रीमों मायावती (BSP supremo Mayawati) द्वारा अंबेडकर नगर जनपद (Ambedkar Nagar District) की स्थापना की सियासी तौर पर अम्बेडकरनगर बसपा का गढ़ माना जाता है। जनपद सृजन के बाद से ही बसपा यहां पर आधार मतों की बदौलत ही सीटों पर कब्जा की, वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा को समाजवादी के हाथों हार का सामना करना पड़ा और समाजवादी पार्टी में जिले की सभी 5 सीटों पर अपना परचम लहराया था । लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा के आम चुनाव हुए तो सपा जिले की 5 सीटों से गायब हो गई ।

सबसे ज्यादा चुनौती बसपा और भाजपा के लिए

उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी सरकार बनी लेकिन बसपा का दुर्ग पूरी तरीके से ध्वस्त नहीं हुआ । जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर बसपा का कब्जा बरकरार रहा । जिसमें कटेहरी से पूर्व मंत्री लालजी वर्मा, अकबरपुर से पूर्व मंत्री राम अचल राजभर और जलालपुर से मौजूदा सांसद रितेश पांडे , 2 सीटों से आलापुर व टांडा पर ही बीजेपी ने अपना खाता खोला । जिले में गुरुवार को हुए विधानसभा के चुनाव में सबसे ज्यादा चुनौती बसपा और भाजपा के लिए थी ।

समाजवादी पार्टी की टक्कर भाजपा और बसपा से

राजनीतिक जानकारों की माने तो इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को खोने के लिए कुछ नहीं है लेकिन भाजपा और बसपा को अपनी सीट बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी । समाजवादी पार्टी इस चुनाव में कुछ सीटों पर जीत दर्ज करती है तो निश्चित रूप से उसमें बसपा और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ेगा गुरुवार को चुनाव देर शाम 6:00 बजे संपन्न होने के बाद इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है जिले की पांचों सीटों पर कौन पार्टी जीत दर्ज करेगी यह एक बड़ा सवाल है कि क्या वर्ष 2017 में भाजपा की आंधी के बाद भी पूरी तरीके से जिले में न उखड़ पाने वाले बसपा का दुर्ग अपनी जगह रहेगा या फिर उसे अपनी दुर्ग छोड़नी पड़ेगी

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