UP Nikay Chunav: वोटर्स को निहारने सपा विधायक पहुंचे मस्जिद के बाहर, अलविदा कर दी बधाई, पत्नी सीमा प्रधान हैं मेयर उम्मी

UP Nikay Chunav 2023: मेरठ में शाही जामा मस्जिद पर अलविदा जुमे की नमाज के बाद सरधना से विधायक अतुल प्रधान ने लोगों को अलविदा जुमे के साथ ईद की अग्रिम बधाई दी।

Update: 2023-04-21 20:58 GMT
samajwadi Party MLA Atul Pradhan

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक तरफ जहां भी तक भाजपा के महापौर पद के उम्मीदवार का इंतजार है वहीं सपा, रालोद और आसपा गठबंधन महापौर प्रत्याशी सीमा प्रधान के समर्थन में चुनाव प्रचार तेज होने लगा है। इस क्रम में मेरठ में शाही जामा मस्जिद पर अलविदा जुमे की नमाज के बाद सरधना से विधायक अतुल प्रधान ने लोगों को अलविदा जुमे के साथ ईद की अग्रिम बधाई दी।

बताया सपा को हिंदू-मुस्लिम सबका हमदर्द

इस मौके पर मीडिया से बातचीत में अतुल प्रधान ने सपा को हिन्दू-मुस्लिम के साथ ही किसान,मजदूर,छात्र,बेरोजगार, युवक-युवतियों आदि सभी का हमदर्द बताते हुए सपा, रालोद और आसपा गठबंधन की जीत का दावा किया। कहा कि हमें हर जाति और धर्म के लोगों का समर्थन है। महापौर चुनाव हम जीतने वाले हैं। भाजपा द्वारा अब तक महापौर पद के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं किये जाने पर तंज कसते हुए कहा कि असलियत में भाजपा को मेरठ में महापौर पद के लिए दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहा है।

पार्टी गठबंधन में नहीं है कोई दरार

सपा विधायक ने कहा कि संभावित हार की हताशा में भाजपा मीडिया में गठबंधन के टूटने की खबर फैला रही है। उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा कुछ भी कर ले। उसकी दाल नहीं गलने वाली है। दरअसल,सपा को मेरठ नगर निगम में मुस्लिमों के वोटों बंट जाने का डर सता रहा है।

निर्णायक स्थिति में हैं मुस्लिम मतदाता

दरअसल, यहां मुस्लिमों की वोट संख्या सबसे अधिक यानी करीब चार लाख से ज्यादा, जबकि गुर्जर करीब 30 से 40 हजार हैं। एससी वोट डेढ़ लाख, जाट 70 हजार, वैश्य दो लाख से ज्यादा, पंजाबी एक लाख के करीब, 85 हजार से ज्यादा ब्राह्मण और एक लाख अन्य वोट हैं। लेकिन मुस्लिमों की आबादी इतनी बड़ी होने के बावजूद गुर्जर प्रत्याशी सीमा प्रधान को सपा का टिकट इसलिए ही मिल सका क्योंकि सीमा प्रधान सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी हैं। अतुल प्रधान को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। अतुल प्रधान की कोशिश हर हाल में मुस्लिमों को अपने पाले में लाने की है। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी पत्नी का चुनाव जीतना असंभव होगा।

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