UP Politics: राजभर ने की स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात, गठबंधन को लेकर कही ये बात

UP Politics: भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात की।

Published By :  Shreya
Update: 2021-08-03 16:51 GMT

ओपी राजभर-स्वतंत्रदेव सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

UP Politics: अब तक छोटी पार्टियों को लेकर भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantra Dev Singh) से मुलाकात किसी अचरज से कम नहीं रही। कभी प्रदेश की भाजपा सरकार (BJP Government) में शामिल रहे ओमप्रकाश राजभर को उनके सत्ता में शामिल होने के बावजूद लगातार भाजपा पर आक्रामक होने के कारण उन्हे मंत्री पद से हटा दिया गया था।

इसके बाद उनके भाजपा विरोधी स्वर और तीखे होते गए। इस बीच उन्होंने भाजपा को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेते हुए सात दलों का भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया। जिसमें ओवैसी की पार्टी AIMIM भी शामिल हुई थी। पर पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के बहराइच दौरे के बाद मोर्चे में विवाद की शुरूआत हो गयी। वहीं दूसरी तरफ सीटों के बंटवारे को लेकर भी मोर्चे में जब सहमति नहीं बन सकी तो ओमप्रकाश राजभर ने यूटर्न लेते हुए यह फैसला लिया कि उनके लिए भाजपा का प्लेटफार्म ही उचित रहेगा। इसलिए आज उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात कर कुछ शर्तो को रखने के साथ फिर से गठबन्धन तैयार करने की नींव रखी।

ओमप्रकाश राजभर (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

राजभर ने मुलाकात पर कही ये बात

मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा के लोग जातिवार मतगणना, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने, पिछड़ों को मिल रहे 27 प्रतिशत आरक्षण का बंटवारा करने, एक समान अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा, मुफ्त घरेलू बिजली देने और प्रदेश पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करने की मांगे मान ले तो उनका भाजपा से कोई विरोध नहीं है। इन मुद्दों की लड़ाई लड़ने के लिए वह भाजपा से अलग हुए थे।

इसके अलावा राजभर खेमे से अब यह भी कहा जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भाजपा के सामने पिछडों के हक के लिए कुछ शर्ते रखी हैं अगर वो इसे पूरा करती है तो हम भाजपा के साथ आने को तैयार है।

वहीं दूसरी तरफ राजभर और स्वतंत्रदेव सिंह की मुलाकात के बाद AIMIM बेहद नाराज है। प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि उनकी पार्टी राजभर के साथ इसलिए है क्योंकि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को रोकना है। उन्होंने कहा कि दरिया के दो किनारे नहीं हो सकते हैं। अगर राजभर को भाजपा के साथ जाना है तो उनकी पार्टी के रास्ते उनसे अलग हैं।  

ओमप्रकाश राजभर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भाजपा से गठबंधन पर मिलेगा ये लाभ

दरअसल, ओमप्रकाश राजभर पिछले एक साल से छोटे दलों के मोर्चे के साथ ही समाजवादी पार्टी से भी बात कर रहे थें पर मनचाही सीटों को लेकर उनका मामला तय नहीं हो पा रहा था। बताया जाता है कि पार्टी के अंदर अधिकतर विधायक भी चाह रहे थें कि भाजपा के साथ आने से उन्हें मनचाही विधानसभा सीटें मिलने के साथ ही केवल भाजपा के साथ ही सत्ता का लाभ मिल सकता है।

अन्य दल इस स्थिति में नहीं दिख रहे हैं कि वह अपने दम पर सरकार बना सकें। हांलाकि राजभर ने अभी तक साफ कुछ भी नहीं कहा है कि वह अगला रास्ता अपना क्या चुनेंगे पर इतना साफ हो गया कि उन्होंने बडे दलो के सामने अपने विकल्प रख दिए हैं और जहां भी उन्हे पार्टी का लाभ दिखेगा वह उसी के हमराह बनकर चल देंगे। 

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