UP Transport Corporation: बसों में हाफ टिकट लेने वाले माता पिता के बच्चों को फुल सीट देने की तैयारी

UP Transport Corporation: यूपी परिवहन निगम बच्चों को सीट देने की तैयारी कर रहा है।

Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-04-30 12:21 IST

उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की बच्चों को सीट देने की तैयारी (Social media)

UP Transport Corporation: उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की बसों में अक्सर बच्चों के टिकट और उन्हे सीट देने को लेकर कंडक्टर और यात्रियों में विवाद देखने को मिलता है। इस समस्या को निजात दिलाने के लिए अब परिवहन निगम 5 से 12 साल के बच्चों को सीट देने की तैयारी कर रहा है।

इधर कुछ समय से परिवहन निगम को इस तरह की लगातार शिकायते मिल रही थी। बस यात्रियों की लगातार यह मांग रही है कि जब टिकट लिया जा रहा है तो उन्हे सीट भी पूरी दी जानी चाहिए। जिसके बाद अब इस पर जल्द ही फैसला लिए जाने की उम्मीद है।

बच्चों कोे गोद में बैठाने के लिए कह दिया जाता है

दरअसल, रोडवेज बसों में सफर करने वाले पांच से बारह साल के बच्चों का आधा टिकट लगता है। परिवहन निगम में यह यह नियम काफी समय से चला आ रहा है, लेकिन तमाम यात्रियों की यही शिकायत रहती है कि बस संबंधित यात्रियों से बच्चों कोे गोद में बैठाने के लिए कह दिया जाता है।

वहीं राज्य सरकार की तरफ से विशेष ग्रामीण अनुबन्धन योजना, सीएनजी चालित साधारण अनुबन्धन योजना, डीजल चालित साधारण अनुबन्धन योजना-2022 के तहत बसों को अनुबन्ध कराने के निर्देश परिवहन निगम के अधिकारियों को दिये गए हैं। विशेष ग्रामीण बस अनुबन्धन योजना-2022 के अन्तर्गत प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता का अवसर प्रदान करने व असेवित गांवों को परिवहन सुविधा से जोडे़ जाने एवं विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना बनाई गई है। उत्तम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग निरन्तर कार्य कर रहा है। प्रदेश संरकार की मंशा है कि प्रदेश की जनता को किसी प्रकार की परिवहन संबंधी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

30% बसों के निर्धारण की अनुमति प्रदान की जायेगी

उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि योजना के अंतर्गत अनुबन्धित बस को चलाने के लिए ग्रामीण मार्गांश का उसके दैनिक निर्धारित शिड््यूल के अन्तर्गत प्रमुखतः नये बने मार्गों जो पूर्व में किसी योजना में अनुबन्धित मार्ग में सम्मिलित न रहे हो, को जिला मुख्यालय तक सम्मिलित कर प्रस्ताव दिये जायेंगे। जिन मार्गों पर नयी बसें अनुबन्ध की जायेगी, उन पर उनके अनुबन्ध काल तक निगम बसें संचालित नही की जायंेगी।

प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि यह योजना उन मार्गों पर प्रभावी होगी, जहॉ पूर्व में निगम द्वारा अनुबन्धित बसों का संचालन किया गया हो। नवीन मार्गाे के सृृजन एवं सर्वे के उपरान्त संचालन के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। नवीन मार्गों के सृृजन में यदि मार्ग दो क्षेत्रों के अधीन है तो दोनो क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबन्धकों की सहमति से प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। प्रदेश स्तर पर निगम के बेडे़ में कुल उपलब्ध बसों का अधिकतम 30 प्रतिशत तक ही अनुबन्धित बसों के निर्धारण की अनुमति प्रदान की जायेगी।

प्रबन्धक निदेशक ने बताया कि अनुबन्ध की अवधि पंजीयन तिथि से अधिकतम 10 वर्ष के लिये अनुमन्य होगी। इस योजना में अनुबन्ध अवधि पंजीयन तिथि से 5 वर्ष से अधिक आयु की बस अनुबन्ध हेतु अनुमन्य नहीं होगी। 

Tags:    

Similar News