अभी-अभी बिजली विभाग ने विद्युत दर बढ़ाने को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने एक लोक महत्व जनहित प्रत्यावेदन नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह के समक्ष पेश कर अविलम्ब सुनवाई की याचिका दायर करते हुए पावर कारपोरेशन द्वारा उपभोक्ताओं की दरों में बढोत्तरी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

Update:2020-01-02 19:34 IST

लखनऊ: यूपी पावर कार्पोरेशन ने गुरुवार को बिना राज्य विद्युत नियामक आयोग की मंजूरी के प्रदेश की बिजली दरों में वृद्धि का आदेश जारी कर दिया।

पावर कारपोरेशन ने गुपचुप तरीके से कोयले और तेल की लागत में बढोत्तरी के चलते पावर परचेज कास्ट में इजाफा को देखते हुये इन्क्रीमेन्टल (आईसी) कास्ट के नाम पर गुपचुप तरीके से बिना नियामक आयोग की अनुमति के जनवरी 2020 से प्रदेश के सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 0.04 पैसा प्रति यूनिट से लेकर 0.66 पैसा प्रति यूनिट तक की बढोत्तरी का आदेश जारी कर दिया और तुरंत ही बिलिंग साफ्टवेयर में बदलाव का निर्देश भी जारी कर दिया।

हालांकि राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की सजगता से इसके लागू होने से पहले ही नियामक आयोग ने इस पर रोक लगा दी।

इधर, इसकी भनक लगते ही उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने एक लोक महत्व जनहित प्रत्यावेदन नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह के समक्ष पेश कर अविलम्ब सुनवाई की याचिका दायर करते हुए पावर कारपोरेशन द्वारा उपभोक्ताओं की दरों में बढोत्तरी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

आयोग चेयरमैन ने पूरे मामले पर नियामक आयोग के सदस्यों से चर्चा के बाद ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुये सभी बिजली कम्पनियों के प्रबन्ध निदेशकों सहित चेयरमैन पावर कारपोरेशन को अविलम्ब बढोत्तरी के आदेश पर रोक लगाने निर्देश जारी कर दिया और अपने आदेश में कहा जब तक आयोग इस पूरे मामले पर अंतिम निर्णय नही ले लेता है पावर कारपोरेशन कोई भी कार्यवाही नही करेगा।

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उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कही ये बात

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पावर कारपोरेशन द्वारा इन्क्रीमेन्टल कास्ट (आईसी) आगणन एमवाईटी रेग्यूलेशन 2014 के तहत गलत तरीके से आईसी मद में प्रति यूनिट आगणन कर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के बिलों में जनवरी 2020 से ओवरआल औसत 0.26 पैसा प्रति यूनिट विद्युत उपभोक्ताओं पर लगाने का आदेश जारी किया गया।

श्रेणीवार देखा जाये तो 0.04 पैसा प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम 0.66 पैसा प्रति यूनिट तक उपभोक्ताओं पर भार डालने का आदेश जारी किया गया।

उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा बीती 13 दिसम्बर को पावर कारपोरेशन से जवाब तलब किया गया था।

पावर कारपोरेशन ने 20 दिसम्बर को नियामक आयेाग को जवाब तो भेज दिया लेकिन पूरा मामला विद्युत नियामक आयोग के विचाराधीन होने के बावजूद उसी दिन पहली जनवरी से उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोत्तरी का आदेश भी जारी कर दिया गया। वर्मा ने कहा कि वह जल्द इस इस मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे।

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