कोरोना काल में जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिजनों को शिक्षक संघ देगा 80 करोड़ रुपए
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
लखनऊ। कोरोना काल में जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के लिए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ अब फ्रंट पर आ गया है। संघ ने सरकार को आइना दिखाते हुए मृत शिक्षकों के परिजनों की आर्थिक मदद करने के लिए 80 करोड़ रुपए का फंड जुटाने का ऐलान किया है। शिक्षक संघ का कहना है सरकार पर शिक्षकों का बकाया होने के बावजूद भी कोई मदद नहीं कर रही है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेज कर कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजे पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्य शिक्षकों ने कोरोना की पहली लहर के दौरान मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 76 करोड़ रुपये का दान किया था। शिक्षक संघ ने कहा कि यह धनराशि सरकार की अपील के बाद शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन देकर इकट्ठा की थी।
पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने निर्णय लिया है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान की तरह इस बार भी उप्र बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्य शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट कर एक कोष की स्थापना करते हुए समस्त धनराशि विभाग द्वारा उसमें जमा करा दिया जाए। एक अप्रैल से 31 मई के मध्य दिवंगत हुए सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, विशेष शिक्षकों एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के जायज वारिशों के खातों में समानुपात रूप से स्थानांतरण कर दिया जाए। पत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि कोई शिक्षक अपने एक दिन के वेतन को देने में असमर्थता जाहिर करता है और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वित्त लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को लिखित पत्र देता है तो उसका वेतन न काटा जाए।
इस संदर्भ में डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमारा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। हम लोगों ने पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आकर असमय काल के गाल में समाने वाले शिक्षकों के परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने, परिवार में बीएड, बीटीसी व बीएलएड कर चुके लोगों को शिक्षक पात्रता की परीक्षा (टीईटी) से राहत देते हुए शिक्षक बनाए जानें और जिनके परिवार में यह योग्यता रखने वाले नहीं है तथा इंटर व ग्रेजुएट हैं उन्हें लिपिक के पद पर नियुक्ति देने के साथ ही मृतक के परिवार को पुरानी व्यवस्था के तहत परिवारिक पेंशन देने और ड्यूटी कर चुके शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग की है।