IIT BHU: 60 दिन बाद गिरफ्तार हुए तीनों अपराधी:जानिए क्या है पूरा मामला

IIT BHU Gangrape:अचानक 30 दिसंबर को तीनों आरोपियों के पकड़े जाने की खबर सामने आती है। घटना के 60 दिन बाद 30 दिसंबर की रात पुलिस ने आरोपियों को चेकिंग के दौरान पकड़ा।

Written By :  Aakanksha Dixit
Update:2024-01-03 14:21 IST
IIT BHU case source : NEWSTRACK.COM

IIT BHU Gangrape Case: आज पूरे देश भर में किसी से छुपा नहीं है। यह बिल्कुल वैसा ही है; जैसे संसद में स्मोक बम छोड़ने के बाद पूरा देश चिंता में आ गया था। इसी प्रकार की चिंता भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक जिसका नाम IIT BHU है उसमें हुई एक छात्रा के साथ दुर्घटना सुनने के बाद लगेगा। जब हमारे घर की बेटियां घर से बाहर निकलती है, पढ़ने के लिए जीवन में कुछ करने के लिए और हर परिवार चाहता है कि उनके घर की बच्चियों को एक सुरक्षित पढ़ने का माहौल मिले। जिस संस्थान में वे हैं; वह पूरी तरीके से सुरक्षित हो। जिस तरह हमारे सांसद हमारे देश के संसद में सुरक्षित नहीं है, तो देश कैसे सुरक्षित होगा। बिल्कुल वैसे ही IIT के कैंपस के अंदर लड़कियां सुरक्षित नहीं है। वह विद्यालय जो पूरे देश भर में अपनी पढ़ाई और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मशहूर हैं। वहां भी हमारी बच्चियां महफूज नहीं है।

एक बहुत बड़ा प्रश्न इस पर खड़ा होता है। यह मामला है आईआईटी बीएचयू का और उसके अंदर हुए गैंगरेप मामले का। आईआईटी बीएचयू का पूरा नाम बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय है। यह घटना भले 60 दिन पुरानी है मगर यह घटना एक अहम सवाल पैदा करती है। इस कारण इस पर चर्चा होना जरूरी है और यह अभी सुर्खियों में इसलिए है, क्योंकि उस वारदात के सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। इस घटना की वजह से पुरी राजनीति में गरमा गर्मी छाई हुई है क्योंकि जो आरोपी पकड़े गए हैं वह सभी बीजेपी पार्टी के आईटी सेल के सदस्य बताए जा रहे हैं। ऐसी ऐसी स्थिति पर विपक्ष के सभी लोग बीजेपी पर पलटवार कर रहे हैं। विपक्ष दल के लोगों का कहना है कि यह बीजेपी के लोग थे इसलिए इन्हें पकड़ने में प्रशासन को इतना समय लगा है।

यह है मामला 

घटना को अब सिलसिला वार तरीके से आपके सामने रखते हैं। वर्ल्ड कप का आप वो मैच याद करिए जब इंडिया ने श्रीलंका को 55 रन में ही समेट दिया था। उस वक्त भारत अपनी जीत की खुशी में व्यस्त था। लोग वर्ल्ड कप के जीतने की आस लगाए हुए थे और भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया भी अपना। परन्तु उस समय हजारों लोग बनारस की सड़कों पर बैठे थे। और वह लोग बैठे थे अपनी ही एक साथी छात्रा को इंसाफ दिलाने के लिए। घटना के बारे में बताया गया है कि बुधवार देर रात लगभग 1:50 बजे के आसपास कुछ तीन युवक कॉलेज कैंपस में टहल रहे होते हैं और उस समय वह लड़की भी अपने किसी दोस्त के साथ कॉलेज कैंपस में होती है। यह लोग जबरन उस लड़की को उसके दोस्त से अलग करते हैं और उसे गन पॉइंट पर रखकर जबरदस्ती उसका वीडियो बनाते हैं।

जब यह बात बाकी छात्रों को पता चलती है, तो वह इसके प्रोटेस्ट में सड़कों पर उतर आते हैं। क्योंकि कॉलेज कैंपस के अंदर ऐसी घटनाओं का होना बेहद शर्मिंदगी पूर्ण है। आपको बता दें IIT कैंपस में देर रात तक लेबोरेटरी में काम करना या लाइब्रेरी में पढ़ाई करना यह सब आम बातें हैं क्योंकि इस दौरान आधी रात के समय या लगभग सुबह के समय ही शांति होती है, तो लोगों को पढ़ने में एकाग्रता मिलती है। यहां पर रात के समय खेलना या ग्रुप डिस्कशन करना आम बातें होती हैं। हम आपको बता दें कि काफी समय से आईआईटी के छात्र अपील कर रहे थे कि उनकी बाउंड्री को बीएचयू की बाउंड्री से अलग कर दिया जाए। ताकि उनका एक ही कॉमन रूट न रहे। जिस वजह से बीएचयू के छात्र काफी नाराज हो गए थे। उन्हें लगा कि आईआईटी के छात्र अपने आप को बहुत उच्च समझने लगे हैं। जब इस घटना के बाद आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई तब BHU एडमिनिस्ट्रेशन ने एक फैसला लिया। स्टूडेंट के प्रोटेस्ट के बाद बीएचयू के डायरेक्टर ने एक सर्कुलर जारी किया। जिसमें संस्था में सभी बैरिकेट्स रात 10 से सुबह 5:00 बजे तक बंद रहेंगे। पोस्ट पर तैनात गार्ड वाहनों का परिचय जानकर ही अंदर आने-जाने देंगे। इसके अलावा छात्रों को भी बीएचयू या आईआईटी की आईडी दिखा कर ही अंदर जाने को मिलेगा। यह बिल्कुल उसी प्रकार से फैसला लेना था जैसे सांप निकल जाए और उसके बाद आप लाठी मारते रह जाओ।

इन सब बातों के बाद सवाल यह भी उठता है कि इतने बड़े कैंपस में क्या एक भी सीसीटीवी फुटेज में उन आरोपियों के बारे में पता नहीं लग पाया। या फिर कोई उन आरोपियों को बचा रहा था? बढ़ते प्रोटेस्ट को देखते हुए डीपी काशी जोन आरएएस गौतम ने छात्रा से छेड़खानी के मामले में एक टीम गठित कर दी और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। घटना के 60 दिन बीत जाने के बाद जब ऐसा लगा कि यह मामला अब ठन्डे बस्ते में चला गया है तब अचानक 30 दिसंबर को तीनों आरोपियों के पकड़े जाने की खबर सामने आती है। घटना के 60 दिन बाद 30 दिसंबर की रात पुलिस ने आरोपियों को चेकिंग के दौरान पकड़ा। आरोपियों की पहचान हुई जिसमें ब्रिज एनक्लेव कॉलोनी सुंदरपुर के कुणाल पांडे, जिवधीपुर के आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और बजरडीहा के सक्षम पटेल के रूप में हुई। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने बताया है कि वारदात के तीन दिन बाद यानी 5 नवंबर को इन लोगों ने शहर छोड़ दिया था और मध्य प्रदेश चले गए थे।

बीजेपी वाराणसी आईटी सेल में काम करने वाले तीनों आरोपियों के वारदात के बाद मध्य प्रदेश चुनाव के कैंपेनिंग के लिए जाने की बात सामने आई है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अभिषेक शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारी टीम बहुत बड़ी है जिसमें 10000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं और जहां तक वाराणसी के आरोपियों की बात है, तो उन लोगों ने मेरी टीम को ज्वाइन नहीं किया है। निश्चित ही इन सभी पर कार्यवाही करनी चाहिए। जो पावर में होता है उससे प्रश्न किए जाते हैं। पावर में जो कि इस राज्य में और देश में भाजपा सरकार है, तो उनसे सवालात करना लाजमी है। और अगर यह बीजेपी से जुड़े हुए लोग हैं और उन्होंने इस तरीके का घिनौना अपराध किया है तो निश्चित ही जनता बीजेपी से सवाल पूछेगी। विपरीत पक्ष के लोग तो पार्टी को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते है। निश्चित ही उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी। जिससे जनता को संतुष्टि मिले और उन्हें इस बात की गारंटी मिले कि वह सुरक्षित है। इन आरोपियों को उनके किए की सजा मिलने पर ही न्याय की स्थापना हो पाएगी।

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