Lok Sabha by-election: मुस्लिम वोटों की मदद से घनश्याम लोधी को मिली वोटों की बढ़त
Lok Sabha by-election: भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी (BJP candidate Ghanshyam Lodhi) को मुस्लिम समुदाय की तरफ से भी भारी मत मिले हैं। वह आजम खां के काफी नजदीकी रह चुके हैं।
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजनीति (Uttar Pradesh politics) में रामपुर (Rampur) सीट हमेशा से भाजपा के लिए एक सपना रही। लेकिन केन्द्र सरकार (Central Government) की नीतियों और योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) की बेहतरीन कानून व्यवस्था (Law and order) का असर रामपुर में साफ देखने को मिला जहां वर्षो से स्थानीय राजनीति पर अपना प्रभाव जमाए हुए मो आजम खां (Mohd Azam Khan) की जमीनी राजनीति को इस चुनाव में हिलाने का काम हुआ है।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के इतिहास पर गौर करें तो 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस (Congress) ने ही जीत दर्ज की। 1977 में पहली बार यहां विपक्ष के तौर पर जनता पार्टी जीती। लेकिन इसके बाद मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा बना रहा। कांग्रेस के जुल्फिकार अली खान ने लगातार तीन बार यहां से चुनाव जीता। जुल्फिकार कुल पांच बार इस सीट से सांसद रहे। 1991 और 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने जीत दर्ज की। 1998 में मुख्तार अब्बास नकवी यहां से जीते थे।
कुल 16 चुनाव में से दस बार कांग्रेस जीत चुकी है
उसके बाद 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी की तरफ से अभिनेत्री जयाप्रदा (actress Jayaprada) यहां से सांसद चुनी गई थीं। 2014 में एक बार फिर भाजपा के के नेपाल सिंह को मोदी लहर का लाभ मिला और 37.5 फीसदी वोट पाकर उन्होंने समाजवादी पार्टी के नसीर अहमद खान हराया। यहां हुए कुल 16 चुनाव में से दस बार कांग्रेस जीती है।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों ही सीटों पर सपा का कब्ज़ा रहा था। रामपुर से आजम खान की जीत हुई थी। रामपुर में सपा की तरफ से आसिम राजा और भाजपा के घनश्याम लोधी मैदान में उतरे, जबकि बसपा ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा और सीधे मुकाबले में भाजपा ने समाजवादी पार्टी से यह सीट जीत ली है।
रामपुर लोकसभा सीट में के लिए हुए पांच चुनावों में तीन बार सपा और एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की जीत हुई थी। साल 2019 के चुनाव में आजम खान ने 52 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की थी, लेकिन भाजपा की जया प्रदा 42 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहीं थी।
घनश्याम लोधी को मिला का समर्थन
भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी (BJP candidate Ghanshyam Lodhi) को मुस्लिम समुदाय की तरफ से भी भारी मत मिले हैं। वह आजम खां के काफी नजदीकी रह चुके हैं। 2004 और 2016 में वह समाजवादी पार्टी से एमएलसी भी रह चुके हैं। उनकी मुस्लिम समुदाय में भी अच्छी खासी पैठ रही है।
घनश्याम लोधी के बेटे अजय लोधी ने कहा कि इस बार मुस्लिम समुदाय ने भाजपा को वोट देकर भाईचारे की नई मिसाल पेश की है। उनका कहना है कि रामपुर की जनता ने उनके पिता पर भरोसा जताया कि जनसेवा का मौका दिया। रामपुर में वह सभी काम होंगे जो हमारे बस में होंगे और हमारे ध्यान में लाए जाएंगे।