कूड़े के वाहन से ढोयी जा रही लाश, ऐसा है शामली में सरकारी इंतजाम, देखें तस्वीर
जिले में महिला का कोरोना से निधन हुआ तो आसपास के लोगों ने अर्थी को कंधा देना मुनासिब नहीं समझा, जब मदद के लिए कोई आगे नहीं आया तो लाचार परीजन ने नगर पंचायत को एक प्रार्थना पत्र देकर श्मशान घाट तक शव को भेजने की गुहार लगाई।
शामली: जिले में महिला का कोरोना (Coronavirus) से निधन (Death) हुआ तो आसपास के लोगों ने अर्थी को कंधा देना मुनासिब नहीं समझा, जब मदद के लिए कोई आगे नहीं आया तो लाचार परीजन ने नगर पंचायत (Nagar panchayat) को एक प्रार्थना पत्र देकर श्मशान घाट तक शव को भेजने की गुहार लगाई। नगर पंचायत ने भी बेशर्मी दिखाते हुए कूड़े के वाहन में महिला के शव को रखकर श्मशान घाट तक पहुंचा दिया। यह फोटो किसी ने अपने मोबाइल में कैद कर ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। लोग मरती हुई संवेदनाओ को देखकर नगर पंचायत जलालाबाद को खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं।
देशभर में कोरोना का कहर अपने चरम पर है और कोरोना को दहशत जहां लोगों में घर कर गई है वहीं इस कोरोना संकटकाल में सामान्य मृत्यु में भी लोग अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहे है। लोगों को चार कांधे भी नसीब नहीं हो रहे। ऐसी ही एक घटना संवेदनाओ को तार-तार करती हुई जनपद शामली के कस्बा जलालाबाद में हुई कस्बा जलालाबाद में मोहल्ला मोदीगज के रहने वाले डॉ प्रवास कुमार का कहना है कि वह सन 2002 में जलालाबाद में आकर रहने लगे थे और अपनी प्राथमिक उपचार की प्रैक्टिस कर रहे थे। उसकी बहन बालमति जिसकी उम्र 50 वर्ष थी उसको ब्रेन हेमरेज हो गया था जिसके कारण वह अपने दैनिक दिनचर्या के काम भी नहीं निपटा पा रही थी। प्रमिला की सुबह रविवार लगभग 6 बजे मौत हो गई। डॉ प्रवास ने आसपास पड़ोसियों से अंतिम संस्कार करने के लिए मदद मांगी, लेकिन कोरोना काल के चलते जब पड़ोसी आगे नहीं आए तो डॉक्टर प्रवास ने स्थानीय नगर पंचायत जलालाबाद को एक प्रार्थना पत्र देकर मदद की गुहार लगाई। लेकिन जलालाबाद नगर पंचायत ने संवेदनहीन काम करते हुए अपने कूड़े का वाहन शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए इस्तेमाल किया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर
जब महिला के शव को कूड़े के वाहन में रखकर श्मशान घाट तक ले जाया जा रहा था। तभी कस्बे के किसी व्यक्ति ने अपने फोन में यह फोटो कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अब मानवता को तार-तार करने वाला फोटो देखकर हर कोई नगर पंचायत जलालाबाद की संवेदनहीनता पर खरी खोटी सुना रहा है। लेकिन जब सरकार ने निधन के बाद अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय या ग्राम पंचायत को सौंप दी है और उसका अंतिम संस्कार उसके धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार करने के आदेश जारी कर रखे है तो ऐसी लापरवाही पर कार्रवाई तो बनती है। जबकि उक्त मामले में क्षत्रिय अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बच रहै है ।