Yogi Government 2.0: योगी सरकार के 6 माह पूरे, जानिए संकल्प पत्र पर कितना आगे बढ़ी सरकार

Yogi Government 2.0: योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 6 माह में अब तक 93 हजार युवाओं को रोजगार दे चुकी है, जबकि करियर काउंसिलिंग के तहत 1.42 लाख से अधिक को मार्गदर्शन मिला।

Update:2022-09-25 10:03 IST

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (photo: social media )

Yogi Government 2.0: योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के छह माह पूरे कर चुकी है। योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के आरंभ होने से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें कई संकल्प लिए गए थे। छह माह में सरकार उन संकल्पों पर आगे बढ़ती नजर आ रही है। 6 माह के कार्यकाल में सरकार ने युवाओं के रोजगार, प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, आपराधिक तत्वों पर नकेल और एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में सरकार ने उत्साहजनक कदम बढ़ाए हैं।

युवाओं को मिला रोजगार

योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 6 माह में अब तक 93 हजार युवाओं को रोजगार दे चुकी है, जबकि करियर काउंसिलिंग के तहत 1.42 लाख से अधिक को मार्गदर्शन मिला। यूपी में 119 राजकीय महाविद्यालयों में ईलर्निंग पार्क स्थापित किए गए हैं। युवाओं के भविष्य की जरूरतों को देखते हुए एविएशन और ड्रोन तकनीक में निपुण बनाया जा रहा है।

खेलों में भी प्रदेश के युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इंटरनेशनल लेवल पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत विभिन्न विभागों में 24 पद चिन्हित किए गए। एक जिला, एक खेल योजना के तहत प्रत्येक जिले में खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जा रही है।

माफियाओं और अपराधियों पर नकेल

बाहुबली मुख्तार अंसारी सहित 36 माफिया और उनके शार्गिदों को उम्रकैद और दो को फांसी की सजा हुई है। पिछले 6 माह में प्रदेश स्तर पर चिन्हित 62 माफिया की अवैध रूप से कमाई गई 2200 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त और जमींदोज किया गया है। सबसे कम समय में सजा दिलाने में यूपी देश में पहले नंबर पर है। यूपी पुलिस ने माफियाओं के गैंग के सदस्यों के विरूद्ध भी बड़ी कार्रवाई की है। 400 से अधिक ऐसे आपराधिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर ने विकास को दी नयी ऊंचाई

उत्तर प्रदेश को अब एक्सप्रेस – वे स्टेट के रूप में जाने जाने लगा है। यहां देश में सबसे अधिक एक्सप्रेस – वे हैं। जो इस बात को दर्शाते हैं कि यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कितना काम हुआ है। किसी समय में खराब सड़कों के लिए जाने जाने वाले यूपी में अब चौड़ी और सपाट सड़कों पर गाड़ियां फर्राटे भरती नजर आती है। प्रदेश में 1225 किलोमीटर तक फैले एक्सप्रेस – वे के नेटवर्क ने न केवल यात्राओं सुगम बनाया बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति दी है। एक्सप्रेस – वे के दोनों ओर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। आने वाले समय में यूपी में 6 और एक्सप्रेस – वे बनने जा रहे हैं। इसी तरह एयर कनेक्टिविटी का जाल बिछाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

वहीं बात करें हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की तो प्रदेश के सभी 4600 स्वास्थ्य केंद्रों पर एटीएम लगाए जा रहे हैं। 65 जिलों में मेडिकल कॉलेज के अलावा गोरखपुर-रायबरेली में एम्स का संचालन किया जा रहा है। 6.51 करोड़ प्रदेशवासियों को आयुष्मान कार्ड के जरिए 5 लाख तक का बीमा कवर दिया जा चुका है।

10 लाख करोड़ का होगा निवेश

गरीबी, अशिक्षा, बदहाल लॉ एंड ऑर्डर और खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण लंबे समय से उद्योगपति देश के सबसे बड़े मैनपॉवर वाले राज्य में निवेश करने से मुंह चुराते रहे हैं। लेकिन अब उनका रवैया यूपी के प्रति बदल गया है। अब वे यहां भारी निवेश के लिए तैयार बढ़े हैं। प्रदेश में पिछले छह माह में 55 कंपनियों की तरफ से 45 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। पिछले पांच सालों में सबसे अधिक निवेश आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 94,632 करोड़ रूपये का हुआ है।

पिछले साढ़े 5 साल में 4 लाख करोड़ रूपये से अधिक के एमओयू हुए हैं, जिनमें से तीन लाख 82 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं। जनवरी में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट 2023 के लिए 17 देशों सहित देश के सात बड़े शहरों में रोड शो किया जाएगा।

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