Cases Against Yogi Ministers: तो अब मंत्रियों के मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार! 52 में से 22 मंत्रियों के खिलाफ दर्ज है केस

Cases Against Yogi Ministers: यूपी में वर्तमान में 403 विधायकों में 205 यानी 51 प्रतिशत के ऊपर आपराधिक मामले हैं। इसके अलावा योगी सरकार के 52 में 22 मंत्रियों का आपराधिक रिकॉर्ड है।

Written By :  Rajendra Kumar
Update:2022-08-10 17:54 IST

Cases Against Yogi Ministers: उत्तर प्रदेश में राकेश सचान (Rakesh Sachan) पहले कैबिनेट मंत्री हैं जिन्हें अदालत ने किसी आपराधिक मामले में दोष सिद्ध करार दिया है. उन्हें अवैध असलहा रखने के मामले में एक साल की सजा हुई है। अदालत का फैसला आने के बाद तत्काल उन्हें जमानत मिल गई और उन्हें ऊंची अदालत अपील करने का मौका भी मिल गया है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व ने उनके मामले पर विचार विमर्श कर सचान का इस्तीफा ना लेने का फैसला भी किया है।

यानी कि अब वह योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री बने रहेंगे. वहीं अब पूर्व की सरकारों के समय योगी मंत्रिमंडल (Yogi Cabinet) के जिन मंत्रियों और विधायकों पर राजनीतिक विद्वेष से दर्ज केस हुए थे, उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। मंत्री विधायकों पर दर्ज संगीन अपराध के प्रकरणों को वापस लेने के बारे में सरकार विचार नहीं करेगी।

यूपी में वर्तमान में 51 प्रतिशत के ऊपर आपराधिक मामले

गौरतलब है कि यूपी में वर्तमान में 403 विधायकों में 205 यानी 51 प्रतिशत के ऊपर आपराधिक मामले हैं। इसके अलावा योगी सरकार (Yogi Government) के 52 में 22 मंत्रियों का आपराधिक रिकॉर्ड है. सरकार में शामिल 20 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं, जिन धाराओं में 5 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान हो, उसे गंभीर अपराध उसे माना गया है। योगी सरकार (Yogi Government) ने शामिल जिन सदस्यों के विरुद्ध आपराधिक मामले हैं उनमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya), कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (Cabinet Minister Nand Gopal Gupta) उर्फ़ नंदी, धर्मपाल सिंह, राकेश सचान, अनिल राजभर, दयाशंकर सिंह, योगेन्द्र उपाध्याय, भूपेंद्र चौधरी, संजय निषाद तथा स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, गिरीश चंद्र यादव, रविंद्र जायसवाल और राज्यमंत्री दिनेश खटीक, सुरेश राही, मयंकेश्वर शरण सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, ब्रजेश सिंह का भी नाम है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक विधायकों के नाम है। इस सभी के खिलाफ कई सालों पुराने मुकदमे चल रहे हैं।

मंत्री और विधायकों के खिलाफ तमाम मुकदमे राजनीतिक प्रदर्शन दौरान दर्ज

मंत्री और विधायकों के खिलाफ तमाम मुकदमे राजनीतिक प्रदर्शन दौरान दर्ज हुए हैं. भाजपा नेताओं के अनुसार पूर्व सरकारों ने विद्वेष इन्हें दर्ज किया है। ऐसे में इन्हें वापस लेने पर विचार करना अनुचित नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि वर्तमान सरकार ही यह कर रही है। मुलायम सरकार (Mulayam Government) में फिल्म अभिनेता राज बब्बर के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लिया गया था। अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) में भी आजम खान और राजा भइया पर दर्ज मुकदमा वापस लिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के खिलाफ चल रहे निषेधाज्ञा उल्लंघन के एक मामले को तीन वर्ष पूर्व वापस लिया गया था। इसी प्रकार अब मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष से दर्ज केस वापस लिए जाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

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