दुनिया में इस पूरे साल कम पड़ेंगी कोरोना वैक्सीन की 2 अरब डोज
दुनिया में कोरोना का कहर जारी है और इसी के साथ वैक्सीनेशन। हालांकि इस साल दुनिया में वैक्सीन की 2 अरब डोज कम पड़ सकती हैं।;
लखनऊ: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप से निपटने के लिए सबसे कारगर हथियार है वैक्सीन (Covid-19 Vaccine)। लेकिन जितनी डिमांड है उसकी तुलना में प्रोडक्शन और सप्लाई बहुत कम है। इस साल विश्व को 11.5 बिलियन डोज़ की जरूरत है जबकि इस साल करीब 9.5 बिलियन डोज़ का प्रोडक्शन होने का अनुमान है। अभी तक दुनिया में कुल 1.31 बिलियन डोज़ ही लगी हैं। यानी अभी बहुत लंबा सफर तय करना बाकी है जिसके बीच में संक्रमण की नई लहरों और वायरस के नए नए वेरिएंट रूपी दिक्कतें भी आने की आशंका है।
साइंस इंटेलिजेंस एजेंसी एयरफिनिटी के अनुसार, अभी तक दुनिया में कोरोना की अलग अलग तरह की 9 वैक्सीनें हैं, जिनका कुल प्रोडक्शन 41 करोड़ 30 लाख डोज़ का रहा है। अब तक जितनी डोज़ बनी हैं उनमें 43 फीसदी एमआरएनए, 35 फीसदी पूर्ण वायरस और 22 फीसदी वायरल वेक्टर वाली हैं। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के प्रोडक्शन में फाइजर (Pfizer) सबसे आगे है। इसके बाद चीन की सिनोवैक और तीसरे स्थान पर आस्ट्रा जेनका (Astra Genca) है।
कहां कितना वैक्सीनेशन
वैक्सीन ट्रैकर डेटा के अनुसार, 19 दिसंबर से 13 मई के बीच अपनी आबादी को कम से कम एक डोज़ लगा देने वाले देशों में इजरायल (Israel) सबसे आगे है। वहां 19 दिसंबर को वैक्सीनेशन शुरू हुआ था और 13 मई तक 62.75 फीसदी आबादी एक डोज़ पा चुकी है। दूसरे स्थान पर यूके है जहां 3 जनवरी से 13 मई के बीच 52.89 फीसदी लोगों को कम से कम एक डोज़ लग चुकी है।
अमेरिका में 20 दिसंबर से अब तक 46.23 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग चुकी हैं। अन्य देशों की बात करें तो ब्राज़ील में 16 जनवरी से अब तक 16.04 फीसदी जनता का वैक्सीनेशन हुआ है। मेक्सिको में 11.38 फीसदी, मोरक्को में 16.24 फीसदी और भारत में 10.08 फीसदी लोगों को वैक्सीन लगी है।
दोनों डोज़ वाले देश
कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ पाने वालों की बात करें तो पूरे एशिया में ऐसे मात्र 1.84 फीसदी लोग ही हैं। विश्व स्तर पर इजरायल में 58.86 फीसदी, यूके में 27.83, अमेरिका में 35.58 फीसदी, यूएई में 38.79 फीसदी, उरुग्वे में 26.32 फीसदी, मंगोलिया में 19.44, ब्राज़ील में 7.63 फीसदी, मेक्सिको में 7.65 फीसदी और भारत में मात्र 2.85 फीसदी लोगों को दो डोज़ लगी है।