America: 97,000 भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में घुसते समय गिरफ्तार, भारत में जुल्म का बहाना बना कर शरण लेने की कोशिश

America: अंदाज़ा इसी से लगा लीजिये कि सिर्फ अमेरिका में ही बीते एक साल में 97 हजार भारतीय नागरिक अवैध रूप से सीमा पार करते हुए गिरफ्तार किए गए हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-11-03 17:07 IST

Indian Entering illegal in America (Photo: Social Media)

America: भारत छोड़ कर यूरोप और अमेरिका जाने और वहां बसने की ललक बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। भारत भर में जगह जगह से लोग मानव तस्करों को मोटी रकम पकड़ा कर सात समंदर पार जाने लगे हैं। हालत का अंदाज़ा इसी से लगा लीजिये कि सिर्फ अमेरिका में ही बीते एक साल में 97 हजार भारतीय नागरिक अवैध रूप से सीमा पार करते हुए गिरफ्तार किए गए हैं।

चौंकाने वाले आंकड़े

- अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (यूसीबीपी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करते समय रिकॉर्ड संख्या में 96,917 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था।

- अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करते समय पकड़े गए भारतीयों की संख्या में पिछले वर्षों में पांच गुना वृद्धि देखी गई है। 2019-20 में 19,883 भारतीयों को पकड़ा गया।

- आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 में 30,662 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया जबकि 2021-22 में यह संख्या 63,927 थी।

- इस साल अक्टूबर 2022 से सितंबर के बीच गिरफ्तार किए गए 96,917 भारतीयों में से 30,010 कनाडाई सीमा पर और 41,770 मेक्सिको की सीमा पर पकड़े गए।

सबसे ज्यादा अकेले आने वाले

गिरफ्तार किए गए लोगों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है - साथ में रहने वाले नाबालिग (एएम), एक परिवार इकाई में व्यक्ति (एफएमयूए), एकल वयस्क, और अकेले बच्चे (यूसी)।

अवैध लोगों में एकल वयस्क सबसे बड़ी श्रेणी बनाते हैं। वित्तीय वर्ष 2023 में 84,000 भारतीय वयस्क अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुए।

- गिरफ्तार किए गए अवैध लोगों में 730 अकेले नाबालिग भी शामिल थे। अमेरिकी संघीय सरकार का वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक चलता है।

गहरा नेटवर्क और झूठे बहाने

अमेरिका में अवैध रूप से घुसने के लिए तरह तरह की चालें चली जातीं हैं। अपने खेत - जमीनें बेच कर मानव तस्करी के जरिये अमेरिका पहुंचने वाले भारतीय लोग अधिकारियों के सामने झूठे तर्क देते हैं कि उन्हें धर्म या राजनैतिक विचारों के आधार पर परेशान किया जा रहा था। ये भी बहाना दिया जाता है कि उन्हें भारत में डर लगता है, वे आज़ाद नहीं हैं। चूंकि अमेरिका में इस आधार पर शरण मिल जाती है सो इस भलमनसाहत का जमकर फायदा उठाया जा रहा है। यही लोग अमेरिका में बस जाते हैं जिंदगी भर छोटे मोटे काम करते हैं और धीरे धीरे पूरे परिवार को ले जाते हैं।

सीनेट में उठा मामला

इस बीच सीनेटर जेम्स लैंकफोर्ड ने सीनेट में बताया कि ये लोग अमेरिका के निकटतम हवाई अड्डे मेक्सिको तक पहुंचने के लिए फ्रांस जैसे देशों से होकर लगभग चार उड़ानें लेते हैं, और फिर सीमा तक मानव तस्करों द्वारा किराए पर ली गई बस लेते हैं। लैंकफोर्ड ने कहा, "इस साल अब तक भारत से 45,000 लोग आए हैं, जो हमारी दक्षिणी सीमा पार कर चुके हैं, कार्टेल को भुगतान कर चुके हैं, हमारे देश में घुस आए हैं और कहा है कि उन्हें अपने देश भारत से डर लगता है।"

लैंकफोर्ड ने जो कहा है उसे कई बार दोहराया है, कि मेक्सिको में आपराधिक गिरोह दुनिया भर के प्रवासियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं कि क्या कहना है और कहां जाना है ताकि शरण प्रक्रिया में "खेल" किया जा सके और शरण की सुनवाई का इंतजार करते हुए देश में प्रवेश किया जा सके। उन्होंने कहा - दुनिया में हर किसी के लिए इसका कोई मतलब नहीं है। हमारे अलावा दुनिया में लगभग हर कोई इस पर बदल चुका है। हम दुनिया भर से लोगों को हमारी प्रणाली का फायदा उठाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिका की ध्वस्त हुई शरण प्रणाली और उन क्षेत्रों के बारे में अपनी टिप्पणी में कहा, जिन्हें नीति में संबोधित करने की आवश्यकता है।

लैंकफोर्ड ने कहा कि एक शरणार्थी अपने देश से भाग जाता है, एक शरणार्थी केंद्र में पहुंच जाता है और संयुक्त राष्ट्र से कहता है, "मुझे अपने देश में उत्पीड़न का नाटकीय डर है।' "हम दुनिया भर से शरणार्थियों को यहां लेते हैं। शरण चाहने वाले एक ही मानक पर हैं। उन्हें अगले सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए और शरण का अनुरोध करना चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय मानक है, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं।"

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