Afghanistan Taliban : अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का कहर, एक महीनें में हुए बदलाव, कैसी है अब अफगानियों की जिंदगी
Afghanistan Taliban : तालिबान के शासन के बाद अफगान में शरीयत कानून लागू करने, महिलाओं की सरकार में भागीदारी न होना, सच दिखा रहे पत्रकारों पर जुल्म करना और अब अफगान की जनता पीने के पानी और खाने के लिए भी तरस रही है।
Afghanistan Taliban : अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के 1 महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं। कट्टर तालिबान ने अफगानिस्तान में तबाही लाकर रख दी है। तालिबान के शासन के बाद अफगान में शरीयत कानून लागू करने, महिलाओं की सरकार में भागीदारी न होना, सच दिखा रहे पत्रकारों पर जुल्म करना, अफगान की जनता पीने के पानी और खाने के लिए तरस रही है। तालिबान की शासन के बाद से कई देशों ने अफगानिस्तान में आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया। जिससे अफगानिस्तान में हालत अब हद से ज्यादा खराब होती जा रही है। वहीं अब तालिबान पाकिस्तान से अपने संबंधों को मजबूत करने में लगा हुआ है।
ऐसे में अब एक महीने बाद अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार ने पूरी तरह से शासन पर अपना कब्जा जमा लिया है। पूरे अफगान में शरीया कानून लागू कर चुके तालिबान के पूरे दुनिया को सकते में डाल दिया। चलिए बताते हैं कि इस एक महीने में अफगानिस्तान में क्या परिवर्तन हुए है, जिससे अफगान की जनता पर काफी असर पड़ा है।
अफगानिस्तान के लोगों को देश छोड़ने पर मनाही
15 अगस्त को अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद 24 अगस्त को तालिबान ने एलान किया था कि अब वह किसी अफगान नागरिक को देश नहीं छोड़ने देगा। लेकिन इससे पहले तालिबान ने कहा था कि जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, वे देश छोड़ सकते हैं। देश न छोड़ने का फरमान अब तक लागू है, जिसके उल्लंघन पर तालिबान ने शरीया कानून के अनुसार, सजा का एलान किया है।
1.महिलाओं की तस्वीरों पर कालिख
तालिबान ने काबुल में प्रवेश के बाद ही सभी विज्ञापनों में मौजूद महिलाओं की तस्वीरों पर कालिख पोतनी शुरू कर दी। यह भी घोषणा की गई कि महिलाएं ऐसे किसी क्षेत्र में काम नहीं करेंगी, जिसमें उनका चेहरा अथवा शरीर का कोई भी अंग दिखे।
2.औरतों पर तालिबानी शासन का कहर
अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी सरकार में एक भी महिला को कोई पद नहीं दिया। वहीं महिलाओं पर तालिबान प्रवक्ता ने कहा था महिलाओं में मंत्री बनने की क्षमता नहीं है, उनका काम बच्चे पैदा करना है।
महिलाओं के दफ्तरों में काम करने को लेकर तालिबान का कहना है कि महिलाएं ऐसा कोई काम नहीं कर सकतीं, जिसमें उनका शरीर प्रदर्शित होता हो। इसलिए महिलाओं को खेल खेलने पर मनाही लगा दी।
बुर्के को लेकर उसकी अनिवार्यता के विरोध में अफगानिस्तान की महिलाओं ने पर मोर्चा खोला हुआ है। ट्विटर पर अफगानिस्तान में रहने वाली और कई निर्वासित महिलाओं तथा नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने मेकअप में ली गई अपनी फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।
कट्टर तालिबान के कहर के आगे अफगानिस्तान की महिलाएं इन नियमों का विरोध को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं की मांगें हैं कि उन्हें बराबरी से पढ़ाई करने दी जाए और तालिबान अपनी सरकार में महिलाओं का भी पद निर्धारित करे।
3.धार्मिक संदेश
तालिबान के शासन के बाद से अफगानिस्तान के सरकारी टीवी व रेडियो पर इस्लामी संदेशों को प्रसारित किया जाना शुरू हो गया। तालिबान का मानना है कि संगीत ध्यान भटकाता है।
4.पंजशीर पहुंचे अफगानी
तालिबान का विरोध करने वाले पंजशीर में चले गए हैं। क्योंकि तालिबान पंजशीर को छोड़कर बाकी पूरे देश पर अपना शासन जमा लिया है। ऐसे में तालिबान विरोधी नेताओं, पूर्व उपराष्ट्रपति साहेल और न झुकने वाले सैनिकों ने पंजशीर का रास्ता देख लिया है।
5.अफगानिस्तान में भूखमरी
तालिबान के शासन के बाद से अफगानिस्तान में भीषण भूखमरी के हालत बने हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय सहायता के रुक जाने की वजह से अफगानिस्तान में आम नागरिकों को एक समय के खाने के लिए तरसना पड़ रहा है।