Russia Ukraine War: यूक्रेन से भाग रहे अश्वेत लोगों पर पोलैंड में हमले
रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण पोलैंड की सीमा पार करने वाले अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई समूह के लोगों को नस्लवादी दुर्व्यवहार और रंगभेद का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। पोलैंड सीमा पार करने वाले अफ्रीकी, दक्षिण एशियाई और मध्य पूर्वी लोगों के समूहों पर पोलिश राष्ट्रवादियों (Polish Nationalists) द्वारा हमला किए जाने और दुर्व्यवहार करने की ख़बरें हैं। काले कपड़े पहने हमलावर गैर-श्वेत शरणार्थियों के समूहों की तलाश कर रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से छात्र हैं जो रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन के शहरों से प्रेज़ेमील ट्रेन स्टेशन पर पोलैंड पहुंचे थे। पुलिस के अनुसार तीन भारतीयों को पांच लोगों के एक समूह ने पीटा, जिनमें से एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रेस एजेंसी 'ओकेओ' के दो पोलिश पत्रकारों ने द गार्जियन को बताया- ट्रेन स्टेशन के बहार कुछ लोगों के ग्रुप ने अफ्रीकी और मध्य पूर्वी शरणार्थियों के खिलाफ चिल्लाना शुरू कर दिया। ये लोग चिल्ला कर कह रहे थे कि अपने देश वापस जाओ। मामला बढ़ता देख कर पुलिस ने हस्तक्षेप किया और दंगा फ़ोर्स को तैनात किया गया।
मिस्र की सारा नामक एक छात्रा ने बताया कि कुछ लोग आए और नाइजीरियाई पुरुषों के एक समूह को परेशान करने लगे। वे एक अफ्रीकी लड़के को कुछ खाने के लिए अंदर नहीं जाने दे रहे थे। फिर वे हमारे पास आए और चिल्लाए- अपने देश वापस जाओ।
पोलैंड पुलिस ने बताया खबरों को अफवाह
इस घटना के बाद पोलैंड की पुलिस ने चेतावनी दी है कि दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े समूह पहले से ही अफ्रीका और मध्य पूर्व के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं कि ये शरणार्थी लूटपाट और अन्य अपराध कर रहे हैं। पुलिस ने ट्विटर पर कहा है कि- "मीडिया में झूठी सूचना है कि प्रेज़ेमील और पोलैंड की सीमा में चोरी, बलात्कार और हमले जैसे गंभीर अपराध हुए हैं। यह सच नहीं है। सीमा पर स्थिति के संबंध में पुलिस ने अपराधों की बढ़ी हुई संख्या दर्ज नहीं की है।'
समाचार वेबसाइट नोट्स फ़्रॉम पोलैंड के अनुसार, एक फ़ेसबुक समूह, जिसका नाम 'प्रेज़ेमील ऑलवेज पोलिश' है वह झूठे दावे फैला रहा है कि "मध्य पूर्व के आर्थिक प्रवासी" अपराध कर रहे हैं।
यूक्रेन में भी नस्लीय भेदभाव
युद्ध से भागे लोगों पर हमले कुछ अफ्रीकी सरकारों द्वारा अपने नागरिकों को निकालने के प्रयासों के बीच हुए हैं, जो नस्लवादी दुर्व्यवहार और भेदभाव की रिपोर्ट के बाद यूक्रेन की सीमा से लगे देशों में चले गए हैं। नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में फंसे 1,000 से अधिक नाइजीरियाई लोगों को एयरलिफ्ट करना शुरू करने की योजना बनाई है। रूसी हमलों से भागने वाले कई विदेशी नागरिक छात्र हैं। पिछले एक सप्ताह में सोशल मीडिया पर रिपोर्ट और फुटेज में यूक्रेनी शहरों और देश की कुछ सीमा चौकियों से भागते समय अफ्रीकी, दक्षिण एशियाई और कैरेबियाई नागरिकों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा के कृत्यों को दिखाया गया है। कई छात्रों ने बताया है कि नस्लीय भेदभाव और दुर्व्यवहार की घटनाएँ यूक्रेन में भी हुईं हैं।