US News: कौन हैं भारतीय मूल की हरमीत ढिल्लो? जिन्हें ट्रंप ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी
US News: डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी घोषणा ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट कर किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में हरमीत के. ढिल्लों को चुनते हुए खुशी हो रही है।;
US News: अमेरिका के नवनिर्वाचित प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को शपथ लेंगे। इससे पहले ही ट्रंप अपनी टीम में चुन-चुन कर एक से एक दिग्गजों को शामिल कर रहे हैं। अमेरिका में पांच नवंबर को हुए प्रेसिडेंट चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने भारी जीत दर्ज की और इसी के साथ वह अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम में कई नए चेहरों को मौका दिया है। इसमें ही एक नाम भारत के चंडीगढ़ से नाता रखने वालीं भारतीय मूल की हरमीत के. ढिल्लों का भी है।
डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें न्याय विभाग में नागरिक अधिकार मामलों की सहायक अटॉर्नी जनरल बनाया है। ढिल्लों ने इस साल जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में अरदास का पाठ किया था, जिसके बाद उन पर नस्लीय हमले हुए थे। पिछले साल वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए असफल रहीं।
नवनिर्वाचति राष्ट्रपति ने किया एलान
यह जानकारी ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट कर देते हुए कहा कि मुझे अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में हरमीत के. ढिल्लों को चुनते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने कहा, अपने पूरे करियर के दौरान हरमीत ने हमारी बहुमूल्य नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लगातार आवाज उठाई है, जिसमें हमारी मुक्त अभिव्यक्ति को सेंसर करने के लिए बड़ी तकनीक का सामना करना, उन ईसाइयों का प्रतिनिधित्व करना जिन्हें कोविड के दौरान एक साथ प्रार्थना करने से रोका गया था और उन निगमों पर मुकदमा करना जो अपने श्रमिकों के खिलाफ भेदभाव करने के लिए जागरूकता नीतियों का इस्तेमाल करते हैं।
कौन हैं हरमीत ढिल्लों?
ट्रंप ने कहा, ढिल्लों देश के शीर्ष वकीलों में से एक हैं। वह डार्टमाउथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया लॉ स्कूल से ग्रेजुएट हैं और यूएस फोर्थ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में क्लर्क हैं। हरमीत सिख धार्मिक समुदाय की एक सम्मानित सदस्य हैं। न्याय विभाग में अपनी नई भूमिका में, हरमीत हमारे संवैधानिक अधिकारों का एक अथक रक्षक होंगी और हमारे नागरिक अधिकारों तथा चुनाव कानूनों को निष्पक्ष व दृढ़ता से लागू करेंगी।
भारत के चंडीगढ़ से है नाता
चंडीगढ़ में जन्मी 54 वर्षीय ढिल्लों बचपन में माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं। 2016 में, वह क्लीवलैंड में जीओपी कन्वेंशन के मंच पर दिखाई देने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं। बता दें कि ढिल्लों ने इस साल जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में अरदास का पाठ किया था, जिसके बाद उन पर नस्लीय हमले हुए थे। पिछले साल वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए असफल रहीं।