महीनों रहेगी रात: अब 6 माह बाद दिखेंगी सूरज की किरणें, जानें ऐसा क्यों अंटार्कटिका में

Antarctica Sun Sets: अंटार्कटिका महाद्वीप में सूर्यास्त हो गया है। अगले छह महीने यहां सिर्फ रात रहेगी। अब अंटार्कटिका में छह महीने केवल अंधेरा पसरा रहेगा।;

Written By :  Krishna Chaudhary
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Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-05-16 18:49 IST
sun set in antarctica

अंटार्कटिका में डूबा सूरज। (Social Media)

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Antarctica Sun Sets: पृथ्वी का सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका (Antarctica) इन दिनों ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) को लेकर खबरों में है। वहां लगातार बढ़ती गर्मी और उसके कारण पिघल रहे ग्लेशियर के खतरे को लेकर वैज्ञानिक जमात लगातार दुनिया को आगाह कर रही है। अंटार्कटिका (Antarctica) अपनी लंबी रातों के लिए भी जाना जाता है। इस ठंडे महाद्वीप में सूर्यास्त हो गया है। अगले छह महीने यहां सिर्फ रात रहेगी। विश्व में हर जगह सूरज उगेगा, मगर अंटार्कटिका में छह महीने केवल अंधेरा पसरा रहेगा। जिस माह हम और आप गर्मी के पसीने से तरबरतर हो रहे हैं, उसी माह से अंटार्कटिका (Antarctica) में सर्दी दस्तक देने जा रही है।

बता दें कि अंटार्कटिका स्थित कॉन्कॉर्डिया रिसर्च स्टेशन (Concordia Research Station in Antarctica) में वैज्ञानिक, एक्सपलोरर और स्टाफ को मिलाकर एक 12 सदस्यों की टीम शोध कार्य के लिए रहती है। सूर्यास्त के बाद अब ये लोग अगले छह माह तक सूरज को नहीं देख पाएंगे। अंधेरा होने पर कॉन्कॉर्डिया रिसर्च स्टेशन (Concordia Research Station in Antarctica) के आसपास का तापामान माइनस 80 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।

न कोई आएगा और न कोई जाएगा

अंधेरा शुरू होने के साथ ही अब यहां कोई न आ सकेगा और न कोई यहां से जा सकेगा। रिसर्च करने के लिए वहां रह रही वैज्ञानिकों की टीम को अब तक जो भी सामान वहां पहुंचाया गया है, उसी के सहारे आगामी छह माह गुजराने होंगे। क्योंकि इस दौरान अंटार्कटिका के लिए कोई फ्लाइट नहीं होगी, जिसके कारण वहां कुछ नहीं पहुंचाया जा सकता। इस दौरान वहां रह रहे लोगों को बड़े कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है, अत्यधिक सर्दी के कारण उनके दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। जिसे क्रोनिक हाइपोबेरिक हाइपोक्सिया कहते हैं।

शोध के लिए उत्तम समय

छह माह के इस लंबी सर्द रात को अंटार्कटिका में शोध कार्य (research work in antarctica) के लिए बेहतर माना जाता है। इसी मौसम में इस ठंडे महाद्वीप में सबसे अधिक रिसर्च और खोज किए जाते हैं। आगामी छह माह तक यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency) और उससे जुड़े संस्थानों के वैज्ञानिक अलग – अलग तरह के शोध कार्य करेंगे। बता दें कि अंटार्कटिका में 12 मई 2022 को इस साल का आखिरी सूर्यास्त देखा गया।

केवल दो ही मौमस

पृथ्वी के इस सबसे ठंडे महाद्वीप में केवल दो ही मौसम गर्मी और सर्दी होती है। इसलिए यहां छह महीने उजाला और छह महीने अंधेरा होता है। गर्मियों में उजाला और सर्दियों में अंधेरा रहता है। अंटार्कटिका में इतनी लंबी सर्दी और अंधेरे की वजह धरती का अपनी धुरी पर टेढ़ा होकर घूमना बताया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इससे जहां धरती का बड़ा भाग सूरज के सीधे संपर्क में आता है, वहीं, अंटार्कटिका इस चीज से वंचित रह जाता है। वहां केवल छह महीने के लिए ही सूरज उगता है, और ये बहुत ही खूबसूरत नजारा होता है।

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